रायबरेली। उत्तरप्रदेश के रायबरेली जिले के रालपुर कस्बे में सड़क पर फटेहाल दशा में रोटी के लिए एक बुजुर्ग व्यक्ति भीख मांग रहा था, इसपर लालगंज तहसील में रालपुर के अनंगपुरम स्कूल के स्वामी भास्कर स्वरूप जी महाराज की निगाह पड़ी और उसे वह अपने आश्रम में ले आए।स्वामी भास्कर स्वरुप जी ने उस भिखारी के भोजन की व्यवस्था की। भोजन कराने के बाद बुजुर्ग के बाल कटवाए गए और फिर उसे नहलाया-धुलाया गया और नए पहनने के लिए नए कपड़े दिए गए। जब उस बुजुर्ग के गंदे कपड़ों की धुलाई की जा रही थी तभी कपड़ों से उसका आधार कार्ड और एफडी के कागज और एक चाबी मिली कर्मचारियों ने देखा कि उस एफडी की कीमत एक करोड़, 7 लाख रुपये थी।
बुजुर्ग का आधार कार्ड देखा गया तो उस आधार पर उसकी पहचान तमिलनाडु के थिरुवनावली निवासी मुथैया नादर के रूप में हुई। असल में वह भिखारी नहीं बल्कि साउथ का करोड़पति कारोबारी है, उसके पास से आधार कार्ड और एक करोड़ से अधिक की एफडी के कागज मिले।