राजकोट। गुजरात चुनाव के पहले चरण में 126 साल की सबसे बुजुर्ग महिला अजीबेन और एशियाई शेरों का घर कहे जाने वाले गिर के जंगल में केवल एक ही वोटर के लिए बने बानेज बूथ के मतदाता महंत भरतदास ने भी मतदान किया।
126 साल की अजीबेन सिदाभाई चंद्रवाड़यिा ने राजकोट जिले में धोराजी विधानसभा के तहत आने वाले अपने शहर उपलेटा में वोट डाला। इसके बाद उन्होंने कहा कि मताधिकार का उपयोग लोकतंत्र की मजबूती के लिए जरूरी है।
साल 2007 से हर चुनाव में गिर सोमनाथ (तत्कालीन जूनागढ़) में उना विधानसभा के गिर गढड़ा तालुका के तहत आने वाले बानेज में केवल एक वोटर के लिए बनने वाले बूथ पर आज भी इसके इकलौते वोटर और महाभारत काल से संबंध रखने वाले वाणेश्वर मंदिर के महंत भरतदास (60) ने भी वोट डाला।
यहां केवल उनके लिए 8 मतदानकर्मियों और सुरक्षाकर्मियों की टीम इवीएम लेकर बूथ पर पहुंची थी। घने जंगल में स्थित इस मंदिर के आसपास शेर, तेंदुआ जैसे जंगली जानवरों को आना जाना रहता है। यहां किसी श्रद्धालु को रात में नहीं रूकने दिया जाता।
माना जाता है कि अर्जुन ने माता कुंती की प्यास बुझाने के लिए इसी स्थान पर अपने बाण से धरती से पानी निकाल दिया था। किसी भी वोटर को वोट देने के लिए 2 किलोमीटर से अधिक नहीं जाने के चुनाव आयोग के नियम के तहत केवल एक वोटर के लिए घने जंगल में यह बूथ बनाया जाता है।
पिछले 15 साल से इस मंदिर के महंत रहे भरतदास ने 2007 और 2012 के विधानसभा चुनाव तथा 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में भी इसी तरीके से मतदान किया था। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में एक एक वोट महत्वपूर्ण है। अटलजी की सरकार एक ही वोट से गिर गई थी।