इस्तांबुल। सीरिया के मुद्दे पर चर्चा के लिए इस्तांबुल में चार पक्षीय शिखर सम्मेलन में तुर्की, रूस, फ्रांस और जर्मनी के नेताओं ने सीरिया में विद्रोहियों के कब्जे वाले इदलिब में जारी संघर्ष विराम की सुरक्षा करने का आह्वान किया है। शिखर सम्मेलन के अंत में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन द्वारा पढ़े गए एक बयान के मुताबिक, चारों देशों ने 'स्थार्इ युद्धविराम के महत्व पर जोर दिया।' तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, जर्मनी की चांसलर एजेंला मर्केल और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने सीरियाई संघर्ष को खत्म करने के लिए स्थायी समाधान निकालने के वास्ते मुलाकात की।
सीरियाई संघर्ष में 2011 से अब तक 360,000 से अधिक लोग मारे गए हैं। मैक्रॉन ने राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार का समर्थन करने वाले रूस से इदलिब में स्थायी संघर्ष विराम के लिए दमिश्क पर स्पष्ट दबाव बनाने का आग्रह किया। विद्रोहियों को समर्थन दे रहे तुर्की ने पिछले महीने उत्तर पश्चिमी प्रांत में होने वाले हमले के डर के बीच इदलिब के चारों ओर एक बफर क्षेत्र बनाने के लिए रूस के साथ सहमति व्यक्त की थी। कई लोगों को डर था कि इन हमलों की वजह से मानवीय आपदा की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। इदलिब में संघर्ष जारी है और शुक्रवार को सीरियाई हमले में सात नागरिक मारे गए।
इदलिब में जबसे संघर्ष विराम लागू हुआ है, तबसे मौतों का यह आंकड़ा सबसे अधिक है। चारों देशों के प्रमुखों ने शिखर सम्मेलन के अंत में संयुक्त बयान जारी करके युद्ध प्रभावित सीरिया में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों का मार्ग प्रशस्त करने के लिए इस वर्ष के अंत से पहले नये सीरियाई संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए समिति गठित करने पर सहमति जताई। बयान में कहा गया कि सीरिया में सभी जरूरतमंद लोगों तक पहुंचने और उन्हें तत्काल सहायता के लिए मानवतावादी संगठनों की स्थापना की आवश्यकता है।