वॉशिंगटन/नई दिल्ली। भारत ने इसी महीने रूस के साथ एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने पर समझौता किया। इसके बाद से ही देश पर अमेरिका की तरफ से प्रतिबंधों की तलवार लटक रही है। अब इस परिस्थिति से निकालने के लिए खुद वॉशिंगटन ने नई दिल्ली को अनाधिकारिक सुझाव दिया है। अमेरिका ने कहा है कि अगर भारत उससे एफ-16 लड़ाकू विमान खरीदने पर हामी भर दे तो वह कानूनी प्रतिबंधों से बच सकता है।
भारत नहीं खरीदना चाहता एफ-16 लड़ाकू विमान
खबरों के मुताबिक, इस महीने की शुरुआत में ही अमेरिका ने भारत को प्रतिबंध से बचने के लिए एफ-16 खरीदने की सलाह दी थी। भारत ने अभी तक एफ-16 विमान खरीदने के लिए अमेरिका से हामी नहीं भरी है। दरअसल, एफ-16 पहले ही तीन दशकों से पाकिस्तानी एयरफोर्स में सेवाएं दे रहा है। ऐसे में भारत एफ-16 खरीदने पर दिलचस्पी नहीं दिखा रहा। दूसरी तरफ अमेरिका का कहना है कि भारत को जिन विमानों का प्रस्ताव दिया गया है वे पाकिस्तान के ब्लॉक-50/52 से एडवांस ब्लॉक-70 मॉडल हैं। इसके अलावा भारत का तर्क है कि एफ-16 लड़ाकू विमान स्वदेशी ब्रह्मोस मिसाइल के अनुकूल नहीं है।
सिंगापुर में मैटिस से मिलीं सीतारमण
रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को ही सिंगापुर में दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों के रक्षा मंत्रियों की मीटिंग में हिस्सा लिया। यहां उन्होंने अपने अमेरिकी समकक्ष जेम्स मैटिस से मुलाकात की। दोनों के बीच एस-400 डील पर लंबी बातचीत हुई।
काट्सा कानून का हवाला
दरअसल, अमेरिका काट्सा कानून के तहत अपने दुश्मन से हथियार खरीदने वाले देशों पर प्रतिबंध लगा सकता है। इस लिहाज से भारत भी रूस से हथियार खरीदने के बाद प्रतिबंधों के दायरे में आ सकता है।
ट्रंप चाहते हैं- रूस से खरीदा तो हमसे भी खरीदो
अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत को दोनों तरफ संतुलन बनाने के लिए कह रहे हैं। वे चाहते हैं कि अगर भारत को प्रतिबंधों में छूट चाहिए तो उसे अमेरिका के साथ रूस से बेहतर समझौता करना होगा।
भारत को दिया एफ-16 और एफ-18 फाइटर का प्रस्ताव
अमेरिका ने भारत को एफ-16 और एफ-18 दोनों विमानों का प्रस्ताव दिया है, लेकिन एफ-16 की तकनीक भारत को देना ट्रम्प प्रशासन के लिए आसान होगा। कुछ समय पहले ही भारत ने 114 लड़ाकू विमान खरीदने के लिए रिक्वेस्ट फॉर इन्फॉर्मेशन (आरएफआई) जारी की थी। ऐसे में अमेरिका एफ-16 विमान खरीदने के लिए भारत पर दबाव बनाना चाहता है।