लंदन। पिछले कई दिनों से चर्चा में रही 'जनमतसंग्रह 2020' रैली भारत विरोधी भीड़ इकट्ठा करने में नाकाम रही। इस रैली का आयोजन 12 अगस्त यानी रविवार को ट्रैफलगर स्क्वेयर पर किया गया लेकिन कुछ बुजुर्ग सिखों और उनके स्थानीय दोस्तों के अलावा कुछ खास लोग इसमें शामिल होने नहीं पहुंचे। पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश नागरिक लॉर्ज नजीर अहमद रैली के वक्ताओं में शामिल थे। नजीर पहले लेबर पार्टी के सदस्य थे लेकिन अपनी अनुशासनहीनता और राजनीतिक विचारों की वजह से उन्हें पार्टी से निकाला जा चुका है। खुद को कश्मीरी लोगों का हमदर्द बताने वाले अहमद ने मंच पर पंजाब को भारत से अलग करने को लेकर भाषण दिया। अहमद के भाषण से इस रैली के आयोजन में पाकिस्तान का हाथ होने की भी पुष्टि हो गई।
हालांकि, लंदन में रह रहे सिख अलगाववादी दल खालसा के प्रमुख जसवंत सिंह ठेकेदार ने पाकिस्तान समर्थित प्रॉपगैंडा का विरोध किया। उन्होंने कहा, 'लॉर्ड नजीर जैसे लोग कहते हैं कि वे खालिस्तान और कश्मीर का समर्थन करते हैं। उन्हें खालिस्तान के बारे में बात करने का अधिकार किसने दिया? ये लोगों को खालिस्तान मुद्दे पर भ्रमित कर रहे हैं।' इस रैली के आयोजक, गुरपतवंत सिंह पन्नुन, न्यू यॉर्क में वकील हैं और खालिस्तान टाइगर फोर्स के जगतार सिंह तारा, लंदन में रहने वाले परमजीत सिंह पम्मा जैसे सिख चरमपंथियों के करीबी भी माने जाते हैं। पन्नुन की पाकिस्तानी पंजाबी को समझने में भी लोग नाकामयाब रहे।
जसवंत सिंह ठेकेदार पन्नुन पर पाकिस्तानी कठपुतली के तौर पर काम करने का आरोप लगाते हैं। उन्होंने कहा, 'किसी सिख धर्मगुरु ने इस रैली में हिस्सा नहीं लिया। पन्नुन बीते दो साल से इस आयोजन का प्रचार कर रहा है और इसपर बहुत ज्यादा पैसा खर्च हुआ है। उन्होंने टीवी और रेडियो स्टेशनों के जरिए प्रचार किया है। हमें विश्वास है कि पाकिस्तान ने इस पूरे प्रचार के लिए पैसा दिया है। ये सिख पाकिस्तानी संरक्षण का मजा ले रहे हैं और हम उनका समर्थन नहीं करते हैं।'