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आतंकियों को मदद करने पर पाक को ग्रे लिस्ट में डाला

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 24 2018 10:34AM | Updated Date: Feb 24 2018 10:34AM
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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खिलाफ भारत को बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल हुई है। आतंकी फंडिंग पर नजर रखने वाली एजेंसी एफएटीएफ यानी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने पाकिस्तान को टेरर फायनेंसिंग की 'ग्रे लिस्ट' में डाल दिया है। इससे पहले एफएटीएफ ने पाकिस्तान को आतंक का दाग धोने के लिए तीन महीने का समय दिया था।
 
तीन दिनों से पेरिस में चल रही एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान पर आतंकवाद के खिलाफ शिकंजा कसे जाने के लिए चर्चा चल रही थी।  पाकिस्तान के खिलाफ यह कदम अमेरिका द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर उठाया गया है। अभी उत्तर कोरिया, इराक, सीरिया, यमन और इथोपिया इसी सूची में शामिल हैं। हालांकि पाकिस्तान के एक मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि इस संबंध में पाकिस्तान को आधिकारिक तौर पर कोई सूचना नहीं मिली है।
 
ये हैं ग्रे लिस्ट में होने के नुकसान
 
इस कदम के चलते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को आर्थिक लेन-देन के दौरान काफी जांच पड़ताल के दौर से गुजरना पड़ेगा।
 
पाकिस्तान के बैंकिंग सेक्टर की वैश्विक निगरानी बढ़ जाएगी।
 
अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं और बैंकों को पाकिस्तान में बिजनेस करना मुश्किल हो जाएगा।
 
इससे पाकिस्तान को गंभीर आर्थिक संकट झेलना होगा। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से बेपटरी है।
 
चीन ने भी साथ छोड़ा
 
हर परिस्थिति में पाकिस्तान का साथ देने वाला चीन भी इस मसले पर उसे समर्थन देने से पीछे हट गया। चीन ने प्रस्ताव पर पहले आपत्ति जताई थी, लेकिन बाद में विरोध को वापस ले लिया था। इसके बाद पाकिस्तान को आम सहमति से ग्रे लिस्ट में डालने का फैसला ले लिया गया। इससे पहले पाकिस्तान को मनीलांड्रिंग के मामले में 2012 से 2015 तक के लिए वॉच लिस्ट में डाल दिया गया था, लेकिन इस बार आतंकियों या आतंकी संगठनों को धन मुहैया कराने के मामले में कार्रवाई की गई है। 
 
फैसला मानना बाध्यकारी...
एफएटीएफ एक अंतरसरकारी संस्था है। इसकी स्थापना 1989 में की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य मनीलांड्रिंग, आतंकियों को धन मुहैया कराना और अंतरराष्ट्रीय वित्त व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाले अन्य खतरों के प्रति ठोस कार्रवाई करना है। संगठन द्वारा लिया गया फैसला सदस्य देशों के लिए बाध्यकारी होता है।
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