बीजिंग। पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर वैश्विक प्रतिबंध लगाने की भारत की कोशिशों पर एक बार फिर चीन ने अड़ंगा लगाया है। चीन ने संकेत दिया है कि वो मौलाना मसूद अजहर पर बैन लगाने के पक्ष में नहीं है।
चीन के विदेश मंत्री गेंग सुआंग से जब मीडिया ने मसूद अजहर पर सवाल पूछा तो उन्होंने अपरोक्ष रूप से कहा कि वे इसके पक्ष में नहीं है। गेंग सुआंग ने कहा कि उनसे इस बारे में कई बार बात की जा चुकी है और वे मानते हैं कि उनकी निष्पक्षता, व्यावसायिकता और न्याय के सिद्धांतों को बरकरार रखा जाएगा। इससे पहले भी भारत ने कई बार चीन पर इस मामले में दबाव बनाने की कोशिश की है, लेकिन वे कोशिश नाकाम दिख रही है।
भारत के प्रयास को हमेशा नकारा
दरअसल भारत अब चीन पर मल्टी-लेटरल फोरम के जरिए दबाव बनाना चाहता है। बता दें कि भारत जब भी अजहर पर यूएन के बैन की बात रखता है, चीन उसे नकार देता है। भारत ने कहा था कि इससे पहले 18 मई को हुई ब्रिक्स मीटिंग में चीन ने अजहर पर बैन के प्रस्ताव का विरोध किया था। दरअसल, भारत, अजहर को यूएन की ब्लैकलिस्ट में शामिल करना चाहता है, ताकि विदेश यात्राओं समेत प्रॉपर्टी को जब्त करते हुए उस पर शिकंजा कसा जा सके।
वीटो पावर से किया आतंकी का बचाव
भारत की ओर से अमेरिका ने पिछले साल अजहर के यूएन के मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों की लिस्ट में लाने की बात उठाई थी, लेकिन वीटो पावर की मदद से चीन ने उस प्रस्ताव को वहीं दबा दिया। ये प्रस्ताव पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की सरकार की ओर से यूएन में लाया गया था, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप के आने के बाद ये ठंडे बस्ते में चला गया है।
पठानकोट हमले का जिम्मेदार है अजहर
बता दें कि पिछले साल पठानकोट एअरबेस पर हुए आतंकी हमले के पीछे अजहर ही जिम्मेदार है और भारत उसकी लंबे समय से गिरफ्तारी की मांग कर रहा है।