न्यूयॉर्क। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा है। सुषमा ने आतंकवाद का मुद्दा उठाते हुए कहा कि, उन्होंने कहा कि आतंकवाद मानवाधिकारों का सबसे बड़ा उल्लंघन है।
जिनके अपने घर शीशे के हों, उन्हें दूसरों के घर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए। एक बार बगल में झांककर देख लें कि क्या हो रहा है बलूचिस्तान में। वहां जो हो रहा है, वो पराकाष्ठा है।
सुषमा ने कहा, दुनिया में ऐसे देश हैं जो बोते भी हैं तो आतंकवाद, उगाते भी हैं तो आतंकवाद, बेचते हैं तो भी आतंकवाद और निर्यात भी करते हैं तो आतंकवाद का। आतंकवादियों को पालना उनका शौक बन गया है।
ऐसे शौकीन देशों की पहचान करके उनकी जबावदेही सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, हमें उन देशों को भी चिन्हित करना चाहिए जहां संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी सरेआम जलसे कर रहे हैं, प्रदर्शन निकालते हैं, जहर उगलते हैं और उनके पर कोई कार्यवाही नहीं होती।
इसके लिए उन आतंकवादियों के साथ वे देश भी दोषी हैं जो उन्हें ऐसा करने देते हैं। ऐसे देशों की विश्व समुदाय में कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उन्होंने विश्व समुदाय से ऐसे देशों को अलग-थलग करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, अगर पाकिस्तान ये समझता है कि वह इस तरह की हरकत करके या बयान देकर भारत का कोई हिस्सा हमसे छीन सकता है तो मैं बता दूं कि ये मंसूबा कभी पूरा नहीं होगा। जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा।
सुषमा ने आगे कहा कि, इसी महीने इस शहर में हुए 9/11 हमने की आतंकी बरसी थी। हम इस शहर के दर्द को समझते हैं। हम पर भी इन्हीं ताकतों ने आतंकी हमला किया। लेकिन हम इसे रोकने में सफल नहीं हुए हैं।
अंतराष्ट्रीय सोलर अलायंस का गठन हमारी अभिनव पहल है। मैं इस मंच से विश्वास दिलाती हूं कि भारत जलवायु परिवर्तन के मामले में अग्रणी भूमिका निभाएगा। भारत 2 अक्टूबर को इंस्ट्रूमेंट ऑफ निगोशिएशन जमा करा देगा। 2 अक्टूबर चुना क्योंकि महात्मा गांधीजी की जयंती है।
जलवायु परिवर्तन एक और ऐसा मुद्दा है जो हमारे गंभीर चुनौती बनकर खड़ा है। हमारे प्रधानमंत्रीजी ने सिद्धांत दिया है। हम मानते हैं कि प्रकृति के साथ हम न्याय करें तो वह हमारी मदद करेगी। नहीं करेंगे तो वह क्रोधित हो जाएगी।
सुषमा ने कहा कि, कुछ ऐसे मुद्दों का उल्लेख जरूर करना चाहूंगी जो महत्वपूर्ण है। दुनियाभर के कोने-कोने में फैली गरीबी को हटाना बड़ी चुनौती है और हमें विश्व के कोने-कोने से गरीबी मिटाना हैं।