न्यूयार्क। अमेरिकी अधिकारियों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चेतावनी दी थी कि ईराक में ईरान समर्थित हिंसा के जबाब में ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर की विशेष ईकाई कुद्ज बल के प्रमुख कासिम सुलेमानी की हत्या का फैसला इस मामले में सबसे चरम प्रतिक्रिया होगी।
समाचार पत्र ‘ द न्यूयार्क टाइम्स’ ने अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन और ट्रंप प्रशासन के सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। समाचार पत्र ने शनिवार को एक लेख में कहा कि अधिकारियों ने सोचा था कि ट्रंप सुलेमानी को मारने की योजना का फैसला नहीं लेंगे और उन्होंने 28 दिसंबर को इस विकल्प को शुरूआत में खारिज कर दिया था लेकिन बगदाद में अमेरिकी दूतावास पर ईरान समर्थित हमले के बाद उन्होंने अपना मन बदल दिया था।
मगर गुरूवार देर रात उन्होंने अपना निर्णय बदला और सुलेमानी की हत्या किए जाने की योजना पर सहमति जता दी। इस फैसले से पेंटागन के अधिकारी भी सन्न रह गए थे। दरअसल एक नई खुफिया जानकारी मिली थी कि इराक, सीरिया और लेबनान में अमेरिकी सेना और राजदूतों को खतरा है लेकिन इस जानकारी पर ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों में मतभेद थे। सूत्रों ने दावा किया था कि सुलेमानी उसी समय इन देशों की यात्रा पर थे और वह ऐसे हमलों की योजनाएं बना रहे थे जिनमें सैंकड़ों लोग मारे जा सकते थे।
समाचार पत्र ने बताया कि कुछ अधिकारी सुलेमानी की हत्या के फैसले को लेकर संशय में थे और यह कर रहे थे कि ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमैनी ने अभी तक सुलेमानी की हमला करने की योजनाओं को मंजूरी नहीं दी थी और एक हफ्ते पहले ही सुलेमानी को स्वदेश लौटने को कहा था।
ट्रंप प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और उप राष्ट्रपति माइक पेंस ईरान के खिलाफ यह अतिवादी फैसला लिए जाने का समर्थन कर रहे थे। हालांकि रक्षा मंत्री मार्क एस्पर और जनरल मार्क मिल्ले ने समाचार पत्र के लेख पर कोई प्रतिक्रिया नहीं की है लेकिन मिल्ले के प्रवक्ता कर्नल डी हॉफ्हिल ने कहा कि अन्य सूत्रों से प्राप्त कुछ जानकारियां फर्जी है।