वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर के कुद्स बल के कमांडर मेजर जनरल सुलेमानी को अमेरिकी रॉकेट हमले में मारे जाने के अपने फैसले को सही ठहराते हुए शुक्रवार को कहा कि ईरान में जनरल से लोग डरते थे और उनसे घृणा करते थे, इसलिए वर्षों पहले उनका सफाया कर दिया जाना चाहिए था। ट्रम्प ने ट्वीट किया, ‘‘ईरान हालांकि यह कभी भी स्वीकार नहीं करेगा कि देश में सुलेमानी से लोग घृणा करते थे और उनसे डरते भी थे। विश्व को यह मालूम होना चाहिए कि ईरान के लोग सुलेमानी की मौत से इतने दुखी नहीं होंगे जितने की देश के नेता।
वर्षों पहले उनका सफाया कर दिया जाना चाहिए था।’’ उन्होंने सुलेमानी पर गत कुछ दशकों में हजारों अमेरिकी नागरिकों को मारने और उन्हें घायल करने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘उनकी अमेरकी लोगों को मारने की योजना थी।’’ इसके पहले ट्रम्प ने हमले के बाद अपनी चुप्पी तोड़ते हुए ट्वीट किया, ‘‘ईरान ने कभी कोई युद्ध नहीं जीता लेकिन वह किसी वार्ता में कभी विफल नहीं रहा।’’
उल्लेखनीय है कि जनरल सुलेमानी अमेरिकी हमले में आज मारे गये। इराक में ईरानी राजदूत इराज मासजैदी ने जानकारी दी कि ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर के कुद्स बल के कमांडर मेजर जनरल सुलेमानी और ईरान समर्थित संगठन शिया पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्स (पीएमएफ) के उप प्रमुख अबु महदी अल-मुहांदिस सहित 10 लोगों की अमेरिकी राकेट हमले में मौत हो गयी।
उन्होंने ईरानी टेलीविजन पर एक प्रसारण में कहा, ‘‘आज सुबह अमेरिकी सेनाओं ने दो कारों को निशाना बनाकर राकेट हमले किए जिसमें बगदाद हवाई अड्डे से बगदाद जाने के लिए इन दोनों अधिकारियों के अलावा कुछ सहयात्री और सुरक्षाकर्मी सवार थे।’’ ये सभी इस हमले में मारे गए हैं।
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ‘पेंटागन’ ने हमले के कुछ समय बाद इसकी जिम्मेदारी लेते हुए यह जानकारी दी कि ट्रंप के आदेश पर यह कार्रवाई की गयी है। पेंटागन ने यह भी कहा है कि इनका मकसद ईरान के भविष्य में हमले की योजनाओं को रोक लगाना है। इस बीच, ईरान ने सुलेमानी की मौत का बदला लेने की बात कही है।