बगदाद। इराक में अमेरिकी हवाई हमले में ईरानी कमांडर कासिम सोलिमनी की मौत के बाद शुक्रवार को विश्व समुदाय ने खतरा बढ़ने की आशंका जतायी और संबंधित देशों से संयम बरतने का आग्रह किया। चीन ने संबंधित पक्षों, विशेषकर अमेरिका से खाड़ी इलाकों में मौजूदा तनाव को और अधिक बढ़ने से रोकने के लिए संयम बरतने की अपील की है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग शुआंग ने बीजिंग में डेली न्यूज ब्रीफिंग में कहा कि उनका देश अंतरराष्ट्रीय संबंधों में बल-प्रयोग का हमेशा से विरोधी रहा है और सभी पक्षों को संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के मापदंड और सिद्धांतों का अनुसरण करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इराक की संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए और पश्चिम एशिया में खाड़ी इलाकों में शांति एवं स्थिरता का संरक्षण किया जाना चाहिए। रूस ने कहा है कि यह अमेरिका की सनक की पराकाष्ठा है। उसने पहले इराक की राजधानी बगदाद में हवाई अड्डे पर मिसाइल हमला किया और बाद में केवल इराक में अमेरिकी दूतावास पर हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के आकलन का अनुरोध किया। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र से कोई अपील नहीं की , जिसका मतलब है कि उसे विश्व की प्रतिक्रिया से मतलब ही नहीं है और उसकी दिलचस्पी महज क्षेत्र में शक्ति संतुलन में बदलाव को लेकर है।
उन्होंने कहा कि इसका कोई परिणाम नहीं होगा लेकिन क्षेत्र में तनाव और बढ़ेगा और इससे सुनिश्चित रूप से लाखों लोग प्रभावित होंगे। इराकी प्रधानमंत्री अदेल अब्दुल महदी ने कहा कि बगदाद हवाई अड्डे पर हमला इराक में अतिक्रमण है और देश की संप्रभुता में दरार पैदा करने की यह कार्रवाई इराक ही नहीं बल्कि क्षेत्र और विश्व में युद्ध का कारण बनेगा। उन्होंने कहा कि यह हमला इराक में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी की शर्तों का भी उल्लंघन है। संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मामलों के मंत्री अनवर गरगाश ने कहा कि मुकाबले और बढ़ते तनाव पर अंकुश के लिए बुद्धिमता एवं राजनीतिक समाधान की दरकार है। पाकिस्तान ने इन गंभीर घटनाक्रमों पर गहरी चिंता जतायी और क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता पर खतरा बताया। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता आशिया फारुकी ने इस्लामाबाद में कहा कि एकतरफा कार्रवाई और बल के उपयोग को टालना तनाव के माहौल को बढ़ने से रोकने के लिए रचनात्मक प्रयास और मुद्दों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत सुलझाना अधिक महत्वपूर्ण है।