पेरिस। रूस और यूक्रेन संघर्ष विराम लागू करने पर राजी हो गये हैं और दोनों देशों के बीच इस वर्ष के अंत तक युद्ध कैदियों को रिहा करने पर सहमति भी बनी है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार दोनों देशों ने बयान जारी करके कहा है कि वे संघर्ष विराम लागू करने पर सहमत हो गये हैं और दिसम्बर के अंत तक कैदियों के आदान-प्रदान पर भी दोनों में सहमति बनी है। दोनों नेता मार्च 2020 तक यूक्रेन के तीन अतिरक्त क्षेत्रों में सैन्य हस्तक्षेप रोकने की बात पर भी एकमत हुए हैं।
उन्होंने हालांकि तीन अन्य क्षेत्रों के नाम नहीं बताये। फ्रांस के पेरिस में सोमवार को हुए नॉरमैंडी सम्मेलन में रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वालोदिमार जेलेंस्की के बीच पूर्वी यूक्रेन में शांति बहाली के मद्दे को लेकर पहली बार बातचीत हुई और दोनों पूर्वी यूक्रेन में पूर्ण संघर्ष विराम लागू करने पर सहमत हुए। पिछले पांच साल से यूक्रेन सरकार की सेना और रुस समर्थित विद्रोहियों की लड़ाई में 13 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है। तिन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से बातचीत के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा,‘‘ ये संघर्ष समाप्त करने की दिशा में महत्पूर्ण कदम हैं।
जेलेंस्की ने कहा कि ट्रांजिट टैरिफ के मुद्दे पर विवाद के कारण यूक्रेन से हो कर जाने वाली गैस पाइप लाइन के माध्यम से रूस के तेल निर्यात में जो बाधा थी ,उसे खत्म कर दिया गया है। रूस के साथ एक नयी पारगमन संधि पर समझौता किया जायेगा। दोनों देशों के बीच हालांकि रूस समर्थित सैनिकों को हटाने और उक्रेन विद्रोहियों वाले क्षेत्रों में चुनाव कराने के मसले पर एक राय नहीं बनी। पुतिन ने विद्रोही बाहुल क्षेत्र डोंबास के लोगों को विशेष दर्जा देने के लिए यूक्रेन की संविधान में संशोधन की मांग की है।
लेंस्की ने रूस के राष्ट्रपति की इस मांग का जवाब देते हुए संवाददाताओं से कहा,‘‘ यूक्रेन शांति बहाली के बदले अपने देश के किसी भी क्षेत्र पर किसी तरह की रियायत देने की बात नहीं सोच सकता है।’’ दोनों देशों के बीच वार्ता की मेजबानी करने वाली जर्मन की चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा,‘‘ हमने कोई चमत्कारिक समाधान नहीं हासिल किया लेकिन इतना जरूर है कि इस दिशा में प्रगति के कदम बढ़े हैं।