मेलबर्न। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने गुरुवार को कहा कि 2020 में 'नो मनी फॉर टेरर' सम्मेलन का आयोजन भारत में किया जाएगा। रेड्डी ने सात से आठ नवंबर तक ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में चलने वाले 'नो मनी फॉर टेरर' सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में आज यह घोषणा की। उनके साथ राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) के महानिदेशक समेत पांच सदस्यीय एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी इस सम्मेलन में शामिल होने गया है। इस सम्मेलन में 65 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। रेड्डी ने अपने संबोधन में इस बात पर चिंता जतायी कि कुछ देश आतंकवादी समूहों को चुपचाप समर्थन दे रहे हैं।
उन्होंने आतंकवादी समूहों को समर्थन करने अथवा उनको वित्तीय मदद करने वाले देशों के खिलाफ वैश्विक एकजुटता का आवान किया। रेड्डी ने कहा कि वर्ष 2011 में खूंखार आतंकवादी ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद भी अल कायदा से जुड़े कई संगठन सक्रिय हैं। उन्होंने कहा ,‘‘ 2011 में ओसामा बिन लादेन की हत्या के बावजूद अल कायदा के कई सक्रिय सहयोगी दुनिया के कई हिस्सों में मौजूद हैं।’’ उन्होंने कहा कि हाल ही आईएस के सरगना अबू बक्र अल -बगदादी मारा गया है लेकिन यह नहीं सोचा जाना चाहिए कि उनका खलीफा तैयार नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि भारत सीमा पार से आतंकवाद का शिकार होने के कारण आतंकवाद को लेकर जीरो-टॉलरेंस की वकालत करता है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद शांति, सुरक्षा और विकास के लिए सबसे बड़ा खतरा है। अंतराष्ट्रीय फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के मानकों को प्रभावी रूप से लागू किया जाना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र लिंिस्टग/एफएटीएफ का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। रेड्डी अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष के साथ शनिवार को यहां आतंकवाद के मुद्दे पर केंद्रित द्विपक्षीय बैठक का भी नेतृत्व करेंगे।