बैंकॉक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 10 सदस्यीय मजूबत दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) को भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का मुख्य घटक बताते हुए कहा कि इसे (पॉलिसी को) आगे बढ़ाने में इसका (आसियान का) सहयोग जारी रहेगा। मोदी ने यहां 16 वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करते हुए अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में, भारत प्रशांत पर भारत और आसियान के बीच विचारों और दृष्टिकोण में तालमेल का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का भी भारत प्रशांत क्षेत्र पर विशेष ध्यान है। प्रधानमंत्री ने उन्होंने अगले साल आसियान का नेतृत्व और मार्गदर्शन करने के लिए वियतनाम को चुने जाने पर उसे बधाई दी। उन्होंने कहा, ‘‘अच्छी तरह से संगठित और प्रगतिशील आसियान हमेशा भारत के हित में है। हमें बेहतर और उन्नत जमीनी, समुद्री और हवाई संपर्क और डिजिटल संपर्क बढ़ाने चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि भारत साझेदारी को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री ने समुद्री सुरक्षा और ब्लू इकोनॉमी और लोगों के बीच समन्वय तथा आपसी मदद जैसे क्षेत्रों में संबंधों को बढ़ावा देने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा,‘‘हमारा ध्यान अनुसंधान और व्यापार संवर्धन पर केंद्रित होना चाहिए और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ाने के लिए पर्यटन को बढ़ावा देना चाहिए।’’ मोदी ने कहा, ‘‘इसे हासिल करने के लिए हम साझेदारी को और मजबूत करने जा रहे हैं।’’ उन्होंने यह भी कहा कि पिछले साल की बैठकों में लिए गए फैसलों के कार्यान्वयन ने भारत-आसियान साझेदारी को और मजबूत किया है। मोदी शनिवार से बैंकॉक की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं और आसियान-भारत शिखर सम्मेलन के अलावा, वह पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन और महत्वपूर्ण तीसरे क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे।