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चीन ने शिनजियांग को अपना अविभाज्य हिस्सा बताया

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 22 2019 1:47AM | Updated Date: Jul 22 2019 1:47AM
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बीजिंग। शिनजियांग में नजरबंदी शिविरों में जातीय उइगर मुसलमानों को कथित तौर पर हिरासत में रखने को लेकर चीन अंतरराष्ट्रीय आलोचनाओं का सामना कर रहा है। अब इस पर चीन ने रविवार को एक श्वेत पत्र जारी किया। इसमें कहा गया कि यह अस्थिर प्रांत देश का अविभाज्य हिस्सा है और यह कभी पूर्वी तुर्किस्तान नहीं रहा जैसा कि अलगाववादी दावा करते हैं। चीन पर आरोप है कि उसने भारत, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और कई मध्य एशियाई देशों के साथ लगती सीमा पर शिनजियांग में नजरबंदी शिविरों में 10 लाख लोगों को बंद कर रखा है, जिनमें से ज्यादातर उइगर हैं।

इसको लेकर पश्चिमी देश उसकी तीखी आलोचना कर रहे हैं। खबरें हैं कि चीन ने अलगाववादी पूर्वी तुर्किस्तान इस्लामिक आंदोलन (ईटीआईएम) के हिंसक हमलों को नियंत्रित करने के प्रयास में ऐसा किया। चीन अशांत शिनजियांग क्षेत्र और बीजिंग समेत देश के कई अन्य हिस्सों में कई हिंसक हमलों के लिए ईटीआईएम को जिम्मेदार ठहराता है। संसाधनों से भरपूर शिनजियांग प्रांत तुर्की भाषा बोलने वाले एक करोड़ से अधिक उइगर मुसलमानों का घर है।

चीन ने रविवार को श्वेत पत्र जारी कर कहा कि चीन के इतिहास में कभी भी उत्तर पश्चिम शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र पर्वी तुर्किस्तान का हिस्सा नहीं रहा और पूर्वी तुर्किस्तान नाम का कोई राज्य नहीं रहा। श्वेत पत्र में कहा गया है, हाल के समय में चीन में और उसके बाहर शत्रु ताकतों खासतौर से अलगाववादियों, धार्मिक चरमपंथियों और आतंकवादियों ने इतिहास तथा तथ्यों को तोड़-मरोड़कर चीन को बांटने की कोशिश की। इसमें कहा गया, शिनजियांग लंबे समय से चीनी क्षेत्र का अविभाज्य हिस्सा रहा है। कभी भी उसे तथाकथित पूर्वी तुर्किस्तान नहीं कहा गया। उइगर जातीय समूह प्रवास और एकीकरण की लंबी प्रक्रिया से अस्तित्व में आया। 

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