तेहरान। ईरान ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु समझौते के तहत यूरेनियम संवर्द्धन की 3.67 प्रतिशत तय सीमा को पार कर लिया है। ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रवक्ता बहरूज कमालवंडी ने सोमवार को यह घोषणा की। कमालवंडी ने कहा कि यदि 2015 के परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले देशों ने उसे आर्थिक वरीयता के तहत फायदे प्राप्त करने में मदद नहीं की तो ईरान का अगला लक्ष्य 20 प्रतिशत तक यूरेनियम संवर्धन करना होगा। इससे पहले ईरान ने रविवार को चेतावनी देते हुए कहा था कि वह परमाणु समझौते के तहत यूरेनियम संवर्द्धन की तय सीमा को तोड़ेगा। ईरान के उप विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने एक बयान में कहा था कि ईरान अब भी चाहता है कि परमाणु समझौता बना रहे लेकिन यूरोपीय देश अपनी प्रतिबद्धता से पीछे हट रहे हैं। ईरान की ओर से की गई इस घोषणा के जवाब में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने रविवार को ट्वीट कर कहा था कि ईरान यदि ऐसा करेगा तो उसे और अधिक कड़े आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गत वर्ष मई में ईरान परमाणु समझौते से अपने देश के अलग होने की घोषणा की थी। इसके बाद से ही दोनों देशों के रिश्ते बहुत ही तल्ख हो गये हैं। इस परमाणु समझौते के प्रावधानों को लागू करने को लेकर भी संशय की स्थिति बनी हुई है। गौरतलब है कि उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में ईरान ने अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। समझौते के तहत ईरान ने उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने पर सहमति जतायी थी।