इस्लामाबाद। पाकिस्तान एक बार फिर उन्हीं वजहों से सुर्खियों में है जिस वजह से वह इसी वर्ष अप्रैल में वह सुर्खियों में आया था। दरअसल, इसकी वजह वहां के गधे हैं। सुनने में भले ही अटपटा लगे लेकिन यह सच है। असल में पाकिस्तान में गधों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। वर्तमान में पाकिस्तान विश्व का ऐसा तीसरा देश बन गया है जहां पर गधों की बड़ी आबादी है। यहां पर इनकी संख्या 5.3 मिलियन को पार कर चुकी है।
आंकड़ों के मुताबिक अकेले लाहौर में ही गधों की संख्या करीब 41 हजार है। इनकी बढ़ती तादाद को देखते हुए पाकिस्तान में गधों के लिए अस्पताल भी बनाया गया है। जहां पर इनका इलाज मुफ्त करवाया जा सकता है। पाकिस्तान की मीडिया के मुताबिक गधों के व्यापार में लगे लोगों को इससे काफी फायदा हो रहा है। इतना ही नहीं पूरे देश में गधों की कीमत में भी काफी तेजी से इजाफा हुआ है। गधों की नस्लों के हिसाब से यहां पर इनकी कीमत 35 हजार से लेकर 55 हजार तक पहुंच चुकी है।
गधों से यहां पर लोग 800 रुपए रोज कमा रहे हैं। पाकिस्तान इकोनामिक सर्वे 2017-18 की रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र किया गया था कि देश में गधों की संख्या एक लाख से 5.3 मिलियन है। गधों की संख्या के हिसाब से दुनिया में पहले नंबर पर चीन दूसरे पर चीन और तीसरे पर इथोपिया आता है। 2016 के आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान में 51 लाख गधे थे, जो 2017 में बढ़कर 52 लाख हो गए। अब भी पाकिस्तान में गधों की संख्या बढ़ने की रफ्तार जारी है।
करीब 80 लाख परिवार करते हैं पशुपालन
बता दें कि पाकिस्तान में करीब 80 लाख परिवार पशुपालन के काम में लगे हुए हैं, जिनकी आय का 35 फीसद हिस्सा पशुपालन से आता है। पाकिस्तान सरकार के अनुसार गधे न केवल नकद कमाई का जरिया हैं बल्कि ये ग्रामीण इलाकों में गरीबी हटाने और विदेशी मुद्रा कमाने का भी अहम जरिया है। अब भले ही पाकिस्तान के लोगों के लिए गधे कितने भी फायदेमंद और उपयोगी क्यों न हो, लेकिन गधों को लेकर सोशल मीडिया पर इसका खूब मजाक बनाया जाने लगा है। गधों की बढ़ती संख्या के कारण लोगों ने पाकिस्तान को गधों का देश कहना शुरू कर दिया है।