मुंबई। वैश्विक स्तर पर मिलाजुला रुख रहने के बीच घरेलू स्तर पर विदेशी निवेशकों के अमीरों पर लगाये गये आयकर अधिभार के दायरे में आने के दबाव में जारी बिकवाली का रुख बीते सप्ताह भी बना रहा जिससे शेयर बाजार बजट पेश किये जाने के बाद से लगातार तीसरे सप्ताह गिरावट लेकर बंद हुआ है। बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 454.22 अंक अर्थात करीब 1.20 प्रतिशत गिरकर 38 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 37882.79 अंक पर आ गया।
इस दौरान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 1.18 प्रतिशत अर्थात 134.95 अंक उतरकर 11284.30 अंक पर रहा। बाजार विश्लेषकों का कहना है कि शेयर बाजार में गिरावट का जो रुख बना हुआ है उसके मद्देनजर निवेशकों को गिरावट में निवेश के लिए तेजी नहीं दिखानी चाहिए क्योंकि अभी सतर्कता बरतते हुए बाजार की चाल को पहचाने और फिर निवेश करने का समय है।
बाजार अध्ययन करने वाली कंपनी एपिक रिसर्च के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुस्तफा नदीम ने निवेशकों को सतर्कता के साथ बाजार की चाल पर नजर रखने की अपील करते हुये कहा कि वर्तमान माहौल में खुदरा निवेशकों को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है क्योंकि विदेशी निवेशक अभी भी निकासी में लगे हुये हैं। उन्होंने कहा कि घरेलू स्तर पर कई कारकों के साथ ही वैश्विक स्तर के कमजोर रुख के कारण बिकवाली हावी है।
उन्होंने कहा कि बाजार अभी जिस स्तर पर है उसमें लिवाली की अधिक संभावना है लेकिन इस समय अधिकांशत: मुनाफावसूली के उद्देश्य से निवेश किया जाता है जो अधिक समय तक टिकता नहीं है और इसके कारण फिर से बिकवाली होने लगती है। इसके मद्देनजर खुदरा निवेशकों को बाजार में सर्तक रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह कंपनियों के तिमाही परिणामों के साथ ही कई महत्वपूर्ण आंकड़े आने वाले हैं और बाजार की चाल पर इसका भी असर होगा। कारों की बिक्री के आंकड़े भी आने वाले हैं।