मुंबई। अमेरिका और भारत के बीच व्यापार तनाव में बढोतरी होने की आशंका तथा आम बजट में किये गये कर प्रावधानों के कारण बनने दबाव से बीते सप्ताह शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गयी। अगले सप्ताह से कंपनियों के चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के परिणाम आने शुरू हो रहे और इसका असर बाजार दिख सकता है लेकिन विश्लेषकों ने छोटे निवेशकों को फिलहाल बाजार में सतर्कता बरतने की सलाह दी है। बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 777.16 अंक अर्थात 1.97 प्रतिशत गिरकर 38,736.23 अंक पर रहा।
इस दौरान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 258.65 अंक अर्थात 2.19 प्रतिशत टूटकर 11552.50 अंक पर रहा। समीक्षाधीन अवधि में बीएसई का मिडकैप 171.77 अंक अर्थात 1.17 प्रतिशत गिरकर 14553.88 अंक पर और स्मॉलकैप 365.25 अंक अर्थात 2.58 प्रतिशत उतरकर 11776.58 अंक पर रहा। बाजार अध्ययन करने वाली कंपनी कैपिटलऐम के शोध प्रमुख रोमेश तिवाड़ी ने बीते सप्ताह बाजार में हुये उठापटक का हवाला देते हुये कहा कि अगले सप्ताह भी बाजार से कोई विशेष उम्मीद नहीं की जानी चाहिए।
बजट में सरकारी कंपनियों में सरकार की हिस्सेदारी को लेकर की घोषणाओं के साथ ही अमीर करदाताओं पर लगाये गये अधिभार तथा विदेशी निवेशकों के इसके दायरे में आने की आशंका से बने दबाव का असर अगले सप्ताह भी दिख सकता है। अगले सप्ताह भी बाजार के गिरावट में रहने की आशंका है। बाजार की चाल पर कंपनियों के पहली तिमाही परिणाम का असर दिख सकता है। इस सप्ताह में घरेलू स्तर पर थोक महंगाई का आंकड़ा सोमवार को आयेगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका को कोर रिटेल विक्रय और विक्रय के आंकड़े आने के साथ ही मगंलवार को अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख का बयान आने वाला है।
एपिक रिसर्च के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुस्तफा नदीम ने कहा कि बजट में किये गये प्रावधानों के साथ ही वैश्विक स्तर पर शेयर बाजार के गिरावट में रहने का असर घरेलू बाजार पर भी दिखा है। बजट के बाद लगातार दूसरे सप्ताह शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गयी है। अगले सप्ताह भी बाजार से कोई विशेष उम्मीद नहीं की जा सकती है क्योंकि वैश्विक स्तर से तत्काल किसी बेहतर खबर की उम्मीद नहीं है।