वाराणसी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में 'बढ़ती छेड़खानी' के खिलाफ सुरक्षा की मांग कर रही छात्राओं पर लाठीचार्ज के मामले पर शुरू हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच बीएचयू गेट के बाहर जहां सैकड़ों की संख्या में छात्र विरोध प्रदर्शन में जुटे हैं। 1200 छात्र-छात्राओं पर एफआईआर दर्ज की गई है। यूपी के विभिन्न हिस्सों के अलावा दिल्ली में भी प्रोटेस्ट हो रहे हैं। इस बीच, BHU की घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की है और जरूरी कदम उठाने को कहा है।
इस बीच वाराणसी पुलिस ने बीएचयू परिसर में हिंसक वारदात और शांति भंग के आरोपों के तहत 1200 अज्ञात छात्र-छात्राओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। वहीं यूनिवर्सिटी कैंपस में लाठीचार्ज के लिए पहली नजर में दोषी पाए गए लंका थाने के इंचार्ज, भेलूपुर के सीओ और एक अतिरिक्त सिटी मजिस्ट्रेट को हटा दिया गया है।
सीएम ने मांगी रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे मामले पर आईजी पुलिस से रिपोर्ट मांगी है।वहीं बीएचयू के कुलपति ने इस पूरे आंदोलन को बाहरी तत्वों की साजिश बताया है। प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने कहा की छात्रों का हंगामा विश्विद्यालय को बदनाम करने की साजिश है।शनिवार रात को परिसर हिंसा में बाहरी लोग शामिल थे। उन्होंने कहा की उपद्रव की घटना बाहरी लोगों की देन है।हमारे विश्विद्यालय के छात्रावास में करीब 25 हजार छात्र रहते हैं और हमें इस बात की ख़ुशी है, वे उपद्रव में शामिल नहीं थे।
क्या है मामला
पिछले तीन दिनों से बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी कैंपस में तनाव भरा माहौल है। कैंपस के अंदर एक लड़की के साथ छेड़खानी होने के बाद कुछ छात्राएं इसका विरोध करते हुए अनशन बैठ गईं और अपनी कुछ मांगें कुलपति के सामने रखी थी। शनिवार देर रात पुलिस के द्वारा लाठी चार्ज किया गया जिसमें कई छात्रों को चोट आई है। दरअसल मामला यह है कि गुरुवार की शाम 7 बजे के करीब जब एक छात्रा अपने हॉस्टल की ओर जा रही थी तब कुछ लड़कों ने उस के साथ छेड़खानी की छात्रा ने मदद के लिए गुहार लगाई लेकिन कोई मदद करने के लिए नहीं आया।छात्रा का कहना था कि थोड़ी ही दूर में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने छात्रा को इस छेड़खानी से बचाने के लिए कुछ नहीं किया। इस घटना के थोड़ी देर बाद कुछ छात्राएं गर्ल्स हॉस्टल में धरना पर बैठ गईं।