लखनऊ। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट गोमती रिवर फ्रंट का जायजा लेने पहुंचे। अखिलेश ने विदेश की तमाम नदियों की तर्ज पर गोमती के 14 किलोमीटर तक के एरिया के लिए यह योजना शुरू की थी। इसका एक हिस्सा बनकर तैयार हो गया है। योगी आदित्यनाथ ने रिवर फ्रंट से जुड़े अफसरों के साथ मीटिंग की। उन्होंने कहा कि रिवर फ्रंट की लागत बहुत ज्यादा लग रही है। इसे बनाने में इतना समय क्यों लग रहा है इसका जवाब एक हफ्ते में दिया जाए। योगी ने निर्देश जारी किए कि इसमें गैर-जरूरी चीजों को न बनाया जाए और इसकी लागत कम की जाए। गोमती नदी के पानी से बदबू आ रही है। इसमें जो नाले गिर रहे हैं उन्हें बंद करने के इंतजाम किए जाएं।
इस दौरान सीएम योगी के साथ डिप्टी सीएम और कई मंत्री भी मौजूद थे। सीएम यहां करीब 40 मिनट तक रहे। उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि उन्हें एक-एक पैसे का हिसाब चाहिए। और योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि एक भी नाले का पानी गोमती रिवर में नहीं गिरना चाहिए।
क्या है गोमती रिवर फ्रंट
रिवर फ्रंट के तहत लखनऊ शहर के अंदर गोमती नदी के दोनों तटों का सौंदर्यीकरण, किनारे में जॉगिंग ट्रैक, किड्स प्ले एरिया, स्टेडियम, फव्वारा और लाइटिंग की व्यवस्था हैं। लखनऊ में कुड़िया घाट से लेकर लामार्टिनियर स्कूल तक 12.1 किलोमीटर का रिवरफ्रंट बना है। इसपर तीन हज़ार करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। लन्दन के थेम्स नदी की तर्ज पर इसे बनाया जा रहा है. मार्च 2017 तक इसे पूरा होना था। हालांकि अभी भी यहां कुछ काम चल रहा है।
क्या-क्या है गोमती नदी के किनारे ?
गोमती नदी के किनारे जॉगिंग पार्क, वाल्किंग पार्क, चिल्ड्रन पार्क, म्यूजिकल फाउंटेन, सायकिल ट्रैक, फ़ूड प्लाजा, फुटबॉल कोर्ट, फ्लावर शो, ओपन एयर थियेटर, एम्पीथियेटर भी बन रहा है। यहां देश का सबसे ऊंचा फाऊंटेन लगाने की भी तैयारी है। नदी में बोटिंग और रिवर राफ्टिंग भी हो सकेगी।