बिजनौर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गंगा जी आदिकाल से हम सबकी आस्था और अर्थव्यवस्था का आधार रही है। योगी ने कहा कि हजारों वर्षों से गंगा ने अपने निर्मल जल से धर्म, अर्थ आदि की पूर्ति के साथ मोक्ष प्रदान किया है। इस लिए पुरुषार्थ चतुष्टय का आधार रही गंगा जी के प्रति हम सबका भी दायित्व है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने गंगा जी के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन किया है। उनके प्रति आभार प्रकट करने तथा गंगा जी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा गंगा यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गंगा मैया हम सभी के लिए पूजनीय है और इसे स्वच्छ बनाना हम सभी का दायित्व है।
उन्होंने कहा कि गंगा को साफ सुथरा रखने और गंगा में कूडा कचरा न/न फेंकने की हम सब शपथ ले, तभी गंगा को अविरल ओर साफ सुथरा रखा जा सकेगा। योगी ने कहा कि गंगा मैया हम सभी के लिए पूजनीय है हम सभी को गंगा को स्वच्छ बनाना चाहिए यह हम सभी का दायित्व बनता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में गंगा को स्वच्छ रखने का बीडा उठाया था, जिसके तहत जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किये गये। उसी का परिणाम है कि आज प्रदेश में गंगा स्वच्छ हो गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कानपुर में गंगा में प्रतिदिन लाखों लीटर पानी डाला जाता था लेकिन सरकार ने एक योजना बनाकर उस पानी को सीवरेज प्लांट में पहुंचाया और अब शुद्ध होकर गंगा में मिलता है। कानपुर में एक बूंद भी गंदा पानी गंगा में नहीं मिल रहा है। इसी तरह बनारस में भी गंगा पूरी तरह साफ व स्वच्छ हो गयी है पिछले दिनों इलाहाबाद में हुए कुम्भ के दौरान श्रद्धालुओें ने संगत तट पर स्वच्छ जल में स्रान किया था।
उन्होंने कहा कि यह केंद्र एवं प्रदेश सरकार की बहुत बडी उपलब्धी है कि उन्होंने गंगा के किनारे बसे सभी शहरों में नागरिकों के प्रयास से गंगा को पूरी तरह स्वच्छ बनाया है। मुख्यमंत्री सोमवार को यहां बिजनौर स्थित गंगा बैराज पर गंगा पूजन करने के पश्चात् गंगा यात्रा के शुभारम्भ अवसर पर आयोजित एक जनसभा में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में दो स्थानों से गंगा यात्रा का शुभारम्भ किया जा रहा है।
बलिया में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा गंगा यात्रा की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि 31 जनवरी को दोनों यात्राओं का समागम कानपुर में होगा। क्योंकि कानपुर ‘नमामि गंगे’ योजना का क्रिटिकल प्वाइंट है। कानपुर के बाद गंगा जी अत्यन्त प्रदूषित हो जाती थीं। इससे हम सब की आस्था और अर्थव्यवस्था दोनों पर प्रभाव पड़ता था। कानपुर में गंगा यात्रा का समापन नदियों को प्रदूषणमुक्त करने के सम्बन्ध में एक नया संदेश देगा।