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बिजली इंजीनियरों की मांग, मिले प्रमुख सचिव और सीएमडी के पद

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 14 2020 4:01PM | Updated Date: Jan 14 2020 4:02PM
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के दो शहरों में पुलिस कमिश्नर की तैनाती का स्वागत करते हुये बिजली इंजीनियरों ने विद्युत निगमों के एकीकरण और अनुभवी अभियंताओं को प्रमुख सचिव और महानिदेशक के पद सौंपे जाने की मांग की है। आल इण्डिया पॉवर इन्जीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने मंगलवार को कहा कि पुलिस कमिश्नर का पद सृजित करना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दृढ राजनीतिक  इच्छाशक्ति का परिचायक है।
 
सरकारी सेवाओं में लीक से हटकर विषय के जानकार प्रोफेशनल सेवाओं को समुचित महत्त्व दिए जाने की पहल वास्तव में स्वागतयोग्य कदम है। इसी क्रम में ऊर्जा सहित सभी इन्जीनियरिंग विभागों में सीएमडी और प्रमुख सचिव के पदों पर भी योग्य एवं अनुभवी अभियंताओं को तैनात करने की सार्थक पहल की जानी चाहिये। उन्होने कहा कि 20 साल पहले घाटे के नाम पर उप्र राज्य विद्युत् परिषद् का विघटन कर कई निगमों का गठन किया गया था जो प्रयोग पूरी तरह विफल रहा है,इसलिये विद्युत परिषद् के विघटन के 20 वर्षों की समीक्षा कर निगमों का  एकीकरण करने की जरूरत है।
 
उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 में जब विघटन किया गया था तब विद्युत् परिषद् का वार्षिक घाटा मात्र 77 करोड़ रु था जो 20 वर्षों में बढ़कर 85 हजार करोड़ रु से अधिक हो गया है। दुबे ने कहा कि विघटन के बाद वितरण ,उत्पादन और पारेषण की कम्पनिया अलग अलग हो गई है जिसके परिणाम स्वरुप एक ओर उत्पादन और पारेषण की कम्पनियों को मुनाफे पर अरबों रु का इनकम टैक्स देना पड़ रहा है तो वितरण कम्पनियों को घाटे का बोझ उठाना पड़ रहा है और इस सबकी भरपाई आम उपभोक्ता को बढे हुए टैरिफ से चुकानी पड़ती है यदि कंपनियों का एकीकरण कर दिया जाये तो आयकर की अरबों रूपये की बचत होगी, प्रशासनिक खर्चों में भारी बचत होगी  और एकीकृत कंपनी का घाटा भी  काफी कम हो जायेगा।
 
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