वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति के विरोध एवं समर्थन में 14वें दिन गुरुवार को भी जारी अलग-अलग धरना-प्रदर्शनों के बीच प्रशासन ने दावा किया कि संकाय में कक्षाएं समान्य रुप से संचालित की जा रही है। बीएचयू के संस्थापक महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के पौत्र एवं इस विश्वविद्यालय के चांसलर जस्टिस गिरधर मालवीय द्वारा प्रो. खान की निक्युति का समर्थन की खबरों तथा श्री विद्यापठ के स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के नियुक्ति विरोधी छात्रों के आंदोलन में शामिल होने चर्चा और तेज हो गई है।
धारने पर बैठे छात्रों को संबोधित करते हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, ‘‘मालवीय जी ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए धर्म संकाय विभाग की स्थापना की थी जिसमें गैर हिंदू को जगह देना किसी भी तरीके से जायज नहीं कहा जा सकता है। इससे हिंदू धर्म के मानने वालों के साथ ही महामना की आत्मा को भी आघात पहुंचा है। इसलिए वह छात्रों के आंदोलन के साथ दे रहे है।’’ विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. राजेश सिंह ने बताया कि संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय की कक्षाएं सामान्य रुप से संचालित की जाने लगी हैं। कुछ छात्र नियुक्ति के विरोध में धरना दे रहे हैं, जिन्हें समझाने का प्रयास किया जा रहा तथा उम्मीद है कि वे अपना आंदोलन जल्द समाप्त कर देंगे। उन्होंने दावा किया कि प्रो. खान की नियुक्ति नियमों के मुताबिक की गई है और इस मामले में छात्रों के विरोध को उचित नहीं कहा जा सकता है।
धरने में शामिल सुभाष तिवारी समेत कई छात्रों का कहना है कि प्रो. खान का इसलिए विरोध नहीं किया जा रहा कि वह मुस्लिम समुदाय से आते हैं, बल्कि हिंदू कर्मकांड से इतर व्यक्ति की नियुक्ति से बड़ी संख्या में छात्र मानते हैं कि उनकी भावनाएं आहत हुई हैं। इसलिए प्रशासन को इस मुद्दे पर पुन: विचार करना चाहिए। बीएचयू में विभिन्न मुद्दों को जोरशोर से उठाने वाली ‘ज्वाइंट एक्शन कमेटी’ से जुड़े छात्र विनय कुमार का कहना है कि प्रो. खान की नियुक्ति का विरोध करना गलत है और कमेटी की ओर प्रो. खान के समर्थन में धरना-प्रदर्शन एवं अन्य अभियान जायज है। गौरतलब है कि नियुक्ति के मुद्दे पर जारी विवाद से बीएचयू प्रशासन खासा परेशान हैं तथा इस मामले को लेकर दोनों पक्षों के छात्र नेताओं को समझाने की कोशिश कर रहा है। विश्वविद्यालय परिसर में अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है।