लखनऊ। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने सोमवार को एनपीसीएल,यूपीनेडा तथा पावरकारपोरेशन और सभी वितरण कम्पनियों द्वारा संयुक्त रुप से दायर याचिका पर नेएडा पावर कम्पनी के लिये 50 मेगा वाट और पावर कारपोरेशन तथा वितरण कम्पनियों के लिये 550 मेगा वाट सौर ऊर्जा के क्रय अनुबंधों एवं उसके प्रशुल्क (टैरिफ) के लिए अनुमोदन प्रदान किया गया। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार पूर्व में आयोग द्वारा बिडिंग रुट के माध्यम से 550 मेगा वाट विद्युत के क्रय के लिये आरएफपी तथा ड्राफ्ट पीपीए सहित टेन्डर अभिलेखों का अनुमोदन किया जा चुका था। अनुमोदित सोलर प्रोजेक्ट 25 मेगा वाट से 100 मेगा वाट की सीमा के तहत है और अनुमोदित टैरिफ 3.02 से 3.08 रुपये प्रति यूनिट के बीच है, जोकि आयोग द्वारा सोलर प्रोजेक्ट के लिये निर्धारित न्यूनतम दरों के तहत है। इस से जहां डिस्काम्स की ऊर्जा क्रय लागत में कमी आएगी वहीं दूसरी ओर पावर कारपोरेशन को अपने आरपीओ लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता मिलेगी और यह प्रदेश की सौर ऊर्जा दोहन में भी लाभदायक सिद्ध होगा। इस क्रम में यह भी उल्लेखनीय है कि इसी माह की 17 सितम्बर को विद्युत नियामक आयोग ने आज यूपीनेडा एवं पावर कारपोरेशन लिमिटेड की याचिका पर 500 मेगा वाट की सौर ऊर्जा के क्रय अनुबंधों एवं उसके प्रशुल्क (टैरिफ) पर अनुमोदन प्रदान किया था जिस अनुमोदन के तहत 20 मेगा वाट से 140 मेगा वाट तक की स्थापित क्षमता की सौर परियोजनाएं निहित थीं एवं इनके लिए लागू होने वाली टैरिफ दरें 3.17 रुपये प्रति यूनिट से 3.23 रुपये यूनिट की परिधि में थीं। नियामक आयोग ने पिछले 10 दिनों में 1050 मेगा वाट की सौर परियोजनाओं को स्वीकृति दी है, जिनकी प्रशुल्क दरें लगभग 3.00 रुपये प्रति यूनिट से 3.23 रुपये प्रति यूनिट के बीच है। इसके फलस्वरूप अनुज्ञप्तिधारियों को सस्ती दरों पर पर्याप्त मात्रा में सौर ऊर्जा उपलब्ध होगी, जिससे उन्हें अपने आरपीओ लक्ष्यों को हासिल करने में सहायता प्राप्त होगी।