वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर तेजी से खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है और घाट की तमाम सीढ़ियां पानी में डूब गई हैं। गंगा में जलस्तर बढ़ने से वहां के घाटों का आपसी संपर्क टूट गया है और विश्व प्रसिद्ध शाम की गंगा आरती एवं शवदाह जैसे अंतिम संस्कर मकानों की छत पर किया जा रहा है। केंद्रीय जल आयोग के सूत्रों ने बताया कि रविवार अपराह्न पांच बजे जल स्तर 67.61 दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि जल स्तर में सुबह से ही वृद्धि हो रही है। दिन में चार से लेकर सात सेंटीमीटर तक की बढ़ोत्तरी पांच बजे नौ सेंटीमीटर तक पहुंच गई। उन्होंने बताया कि वाराणसी में खतरे की चेतावनी स्तर 70.26 मीटर और खतरे का निशान 71.26 मीटर है।
जलस्तर बढ़ने से दशाश्वमेध घाट, शितला घाट, असि समेत तमाम घाटों का आपसी संपर्क टूट गया है। विश्व प्रसिद्ध शाम की गंगा आरती मकान छत पर आयोजित की गई। मणिकर्णिका एवं राजा हरिश्चंद्र घाटों पर शवदाह करन में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शव दाह के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। घाट की सीढ़ियां पानी में डूबने के कारण छत एवं गलियों शवदाह किया जा रहा है।
गंगा में नौका चलाने वाले एवं घाट की सीढ़ियों पर पूजा एवं अन्य समाग्री की बिक्री कर अपनी जीविका चलाने वालों के सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है। उनका कहना है कि वे रोज कमाने-खान वालों में हैं। करीब 15 दिनों से कम लगभग बंद है, जिससे उनके सामने दो वक्त की रोटी का संकट है। गंगा में जलस्तर के बढ़ाव के मद्देनजर जिला प्रशासन सतर्क है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल को सतर्क कर दिया गया तथा ऐहतियात के तौर पर गंगा में नौका चलाने पर रोक लगा दी है। दशाश्वमेध घाट, शितला घाट एवं असि घाट समेत प्रमुख घाटों पर विशेष निगरानी की जा रही है।