लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिजली की पारेषण तंत्र की आयातित क्षमता 12850 मेगावाट पहुँचने से विद्युत उपभोक्ताओं को गर्मी में बिजली कटौती से राहत मिलेगी। मिलेगा व्यापक लाभ, ऊर्जा मंत्री को उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने दी बधाई आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि सूबे के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने प्रदेश की कुल पारेषण तंत्र की क्षमता जून तक 24000 मेगावाट पहुँचाने का लक्ष्य निर्धारित किया था जिसे एक महीने पहले ही पूरा कर लिया गया। आने वाले समय में बिजली की पीक डिमाण्ड में भी अब प्रदेश की पारेषण क्षमता इस काबिल हो गयी है कि वह सुचारू रूप से बिजली आपूर्ति कर पाये।
उन्होने बताया कि शर्मा ने पिछले साल अक्टूबर में पारेषण तंत्र की आयातित क्षमता के मामले में समीक्षा बैठक बुलायी थी बिजली कम्पनियों एवं पारेषण विग को यह निर्देश दिया था कि हर हाल में जून, 2019 तक प्रदेश में पारेषण तंत्र की आयातित क्षमता 24000 मेगावाट कर ली जाये। विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि आयातित क्षमता में वृद्धि होने के बाद प्रदेश की कुल क्षमता 24000 मेगावाट तक मांग को आसानी से वहन करने योग्य प्रदेश का पारेषण तंत्र हो गया है, जिसके लिए परिषद प्रदेश के ऊर्जा मंत्री का आभार व्यक्त करता है।
पिछले साल गर्मी में नजर डालें तो पीक डिमाण्ड 20000 मेगावाट तक पहुँच गयी थी जिसके इस साल 22500 मेगावाट तक पहुँचने का अनुमान है। उन्होने कहा कि वर्तमान में यहाँ प्रदेश में पीक डिमाण्ड लगभग 19000 मेगावाट है और केन्द्र से आयातित होने वाली कुल ऊर्जा लगभग 9180 मेगावाट है। ऐसे में अब जब आयातित पारेषण तंत्र में वृद्धि हो गयी है तो आसानी से अब केन्द्रीय सेक्टर या बाहर से बहुत ही आसानी से 12850 मेगावाट बिजली लायी जा सकती है और निश्चित ही इसका लाभ प्रदेश की जनता को मिलेगा।