बाराबंकी। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले में अफीम मेंथा और केले की खेती में महारथ हासिल करने वाले किसान इन दिनो लीची की पैदावार कर खासा मुनाफा कमा रहे हैं। आमतौर पर एक एकड़ कृषि योग्य भूमि पर दो से तीन लाख रूपये की लागत से पैदा किये जाने वाली गैर परंपरागत फसल में किसानो को दो गुने तक का फायदा हो रहा है जिसके चलते जिले में इस फसल को लेकर किसानो का रूझान तेजी से बढ़ा है और उनकी माली हालत सुधर रही है।
स्थानीय किसान सत्येन्द्र वर्मा ने ‘यूनीवार्ता’ को बताया कि महाराष्ट्र से वह इस खेती के गुर सीखकर आये थे और जब उन्होने जिले में स्ट्राबेरी की फसल लगानी चाही तो लोगों ने इसे जोखिम भरा फैसला बताया लेकिन सत्येंद्र ने घाटे की चिंता किये बगैर स्ट्राबेरी की खेती करनी शुरू की और यह उनके आत्मविश्वास का ही नतीजा है कि आज वह इस फसल से लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं।
उनका दावा है कि एक एकड़ की फसल में किसान पांच से छह लाख रुपए तक की कमाई कर सकते हैं। जिले में जैदपुर रोड स्थित बरौली गांव निवासी सत्येंद्र ने कहा कि इस खेती में कामयाब होने के बाद दूसरे किसान भी इससे आकर्षित होने लगे। नतीजन अब दूसरे किसान भी सत्येंद्र वर्मा के खेतों पर आकर इस फसल के तौर तरीके सीख रहे हैं जिससे किसान के घर की माली हालत ठीक होने के साथ ही उनका कल भी बदलता दिख रहा है।