लखनऊ। त्रिवेंद्र रावत ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उनके साथ नौ अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली। हरक सिंह रावत, सतपाल महाराज, मदन कौशिक, प्रकाश पंत, यशपाल आर्य, डा.हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल और अरविंद पांडे ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली जबकि राज्यमंत्री के रूप में धन सिंह रावत और रेखा आर्य ने पद और गोपनीयता के रूप में शपथ ली।
शपथ ग्रहण समारोह के दौरान मंच पर पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह मौजूद थे। इससे पहले उत्तराखंड में नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष विमान से देहरादून पहुंचे।
जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर राज्यपाल डॉ. केके पॉल और उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया पीएम मोदी का स्वागत। यहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ हेलीकॉप्टर से देहरादून रवाना हो गए। जौलीग्रांट एयरपोर्ट से हेलीकॉप्टर ने जीटीसी हेलीपैड के लिए उड़ान भरी। यहां पीएम मोदी आधे घंटे रुकेंगे।
मीडिया को संबोधित करते हुए कल केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा था, "त्रिवेंद्र सिंह रावत को विधायक दल का नेता चुना गया है। उनके नाम पर सर्वसम्मत से सहमति बनी है।" बीजेपी ने उत्तराखंड में 70 में से 57 सीटें जीते हैं रावत ठाकुर समुदाय से आते हैं और बीजेपी के राज्य के पांचवें मुख्यमंत्री होंगे। बीजेपी ने 2000 में राज्य का गठन होने के बाद पहली बार सरकार बनाई थी।
भावुक हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत
शपथ लेने से पहले आज तक के साथ खास बातचीत में रावत भावुक हो गये। उन्होंने कहा कि मेरी प्राथमिकता स्वच्छ और पारदर्शी सरकार देना है। राज्य को विकास के शिखर की ओर ले जाना है, राज्य जिस हालत में है उससे राज्य को उभारना है। रावत बोले कि भगवान ने मुझे बहुत कुछ दिया है, यह बोलते हुए त्रिवेंद्र भावुक हो गये।
2002 में पहली बार बने विधायक
देहरादून में संघ प्रचारक की भूमिका निभाने के बाद त्रिवेन्द्र सिंह रावत को मेरठ का जिला प्रचारक बनाया गया। जहां उनके काम से संघ इतना प्रभावित हुआ कि इन्हें उत्तराखंड बनने के बाद 2002 में भाजपा के टिकट पर कांग्रेस के विरेंद्र मोहन उनियाल के खिलाफ चुनाव मैदान में उतार दिया गया। 2002 में रावत ने डोईवाला से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
PM मोदी और शाह के करीबी
रावत संघ के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। मोदी एवं शाह के नजदीकी होने और संघ के भरोसेमंद स्वयंसेवक होने के कारण त्रिवेंद्र रावत आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे हैं। पार्टी संगठन को हमेशा से त्रिवेन्द्र सिंह रावत की नेतृत्व क्षमता पर पूरा भरोसा रहा। लिहाजा उनको पार्टी का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया।
कैबिनेट मंत्री -
1) सतपाल महाराज- कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हुए सतपाल रेल राज्य मंत्री भी रह चुके है।
2) मदन कौशिक- हरिद्वार से लगातार चौथी बार जीतकर आए मदन कौशिक भाजपा का बड़ा चेहरा हैं।
3)प्रकाश पंत- 2007 में भाजपा सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।
4) यशपाल आर्य- कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए यशपाल आर्य कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार थे।
5) हरक सिंह रावत- कांग्रेस से बगावत कर भाजपा के टिकट पर कोटद्वार से जीतकर आए हैं।
6)सुबोध उनियाल- पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के बेहद खास माने जानें वाले सुबोध उनियाल नरेंद्रनगर से जीते हैं।
7)अरविंद पांडे- गदरपुर से भाजपा विधायक अरविंद पांडे लगातार 4 बार विधायक बनें हैं। वे पालिकाध्यक्ष भी रह चुके हैं।
राज्यमंत्री -
8)धन सिंह रावत- आरएसएस से लंबे समय तक जुड़े रहे धन सिंह श्रीनगर से चुनाव जीतकर आए हैं।
9)रेखा आर्य- कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में आई रेखा आर्य भी सांसद और पूर्व सीएम कोश्यारी की करीबी हैं।