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ईवीएम पर विपक्ष हुआ आक्रामक

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 15 2019 12:59AM | Updated Date: Apr 15 2019 12:59AM
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नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन  को लेकर विपक्ष ने आक्रामक रुख अपनाया है। ईवीएम में धांधली होने की खबरों के बीच सतर्कता बरतते हुए 21 पार्टियों ने एक जरूरी बैठक की और 50 प्रतिशत मतदान पर्चियों  का मिलान ईवीएम से कराए जाने की मांग की। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव-2019 के पहले चरण के दो दिन बाद यानी रविवार को 21 पार्टियों ने एक साथ ईवीएम में गड़बड़ी के विरोध में आवाज बुलंद की। सभी पार्टियों ने एक सुर में कहा कि 50 प्रतिशत मतदान पर्चियों का मिलान ईवीएम से कराए जाने की मांग को लेकर वे उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे। हालांकि, विपक्ष ने चुनाव आयोग से बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने की मांग की थी, मगर लोकसभा चुनाव जारी है और इतने कम सयम में इसकी व्यवस्था नहीं की जा सकती, इसे देखते हुए विपक्ष ने कहा कि इस चुनाव में कम से कम 50 फीसदी मतदान पर्चियों का मिलान करने की व्यवस्था हो।  

देशव्यापी अभियान चलाएंगे
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और ईवीएम में गड़बड़ी के मुद्दे पर देशव्यापी अभियान चलाएंगे। सिंघवी ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि ईवीएम में गड़बड़ी के मुद्दे के निपटान के लिए चुनाव आयोग पर्याप्त प्रयास कर रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘चुनाव के पहले चरण के बाद सवाल उठाए गए थे, हमें नहीं लगता कि चुनाव आयोग पर्याप्त ध्यान दे रहा है। यदि आप एक्स पार्टी के आगे का बटन दबाते हैं, तो वोट वाई पार्टी को जाता है। वीवीपीएटी केवल 7 सेकंड के बजाय 3 सेकंड के लिए प्रदर्शित होता है।’ 

लाखों मतदाताओं के नाम ऑनलाइन हटा दिए गए
कांग्रेस नेता सिंघवी ने कहा, ‘लाखों मतदाताओं के नाम बिना फिजिकल वैरिफिकेशन के ऑनलाइन हटा दिए गए हैं। पार्टियों ने चुनाव आयोग को एक लंबी सूची दी है। वीवीपीएटी के पेपर ट्रेल के कम से कम 50% को गिनना और भी आवश्यक हो गया है। हम सुप्रीम कोर्ट में भी यही मांग करेंगे।’ नायडू ने कहा, ‘चुनाव आयोग बीजेपी के अधीन काम कर रहा है, वे सही नहीं हैं, उन्हें निष्पक्ष रूप से कार्य करना है जो वे नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा, हमें संदेह है कि ईवीएम में भी हेराफेरी की जा रही है और इसलिए हम वीवीपैट की 50% गिनती की मांग कर रहे हैं। वे सहमत नहीं हैं।’
 
ईवीएम पर संदेह:  नायडू 
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि हम ईवीएम के बारे में संदेह उठा रहे हैं। मतदाता का विश्वास केवल पेपर ट्रायल मशीनों के माध्यम से ही बहाल किया जा सकता है। यहां तक कि जर्मनी जैसा उन्नत देश भी पेपर बैलट का इस्तेमाल करता है। नीदरलैंड्स में भी अब बैलेट पेपर से ही चुनाव हो रहे हैं। वहीं, कांग्रेस ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि ईवीएम में गड़बड़ी के मुद्दे के निपटान के लिए चुनाव आयोग पर्याप्त प्रयास कर रहा है।
 
बटन किसी और पर और वोट किसी और को’
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हम 21 पार्टियों का पक्ष रख रहे हैं। फिर से सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। चुनाव की प्रक्रिया पर बार-बार सवाल उठे हैं। आयोग इस पर ध्यान नही दे रहा है। फर्स्ट फेज में बटन किसी और पर दबता था तो वोट किसी और को जाता था। रोचक बात है कोर्ट ने हमारी दलील मानी है। चुनाव की विश्वसनीयता के लिए हम उच्चतम न्यायालय से कहेंगे कि 50 फीसदी वीवीपीएटी की गिनती हो। पहले जब हाथ से गिनती गिनते थे तो पांच दिन नही लगते थे। हम देशभर में अभियान भी चलाएंगे। 
 
ईवीएम से छेड़छाड़ के गंभीर आरोप
इससे पहले शनिवार को चंद्रबाबू नायडू ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा जिसमें गुरुवार को राज्य में चुनाव के दौरान भारी संख्या में ईवीएम के साथ छेड़छाड़ और अपर्याप्त सुरक्षा के कारण हिंसा की घटनाओं का आरोप लगाया। वहीं बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आठ लोकसभा सीटों के लिए हुए मतदान के दौरान चुनाव आयोग से इन अनियमितताओं का पूरी गंभीरता से संज्ञान लेकर समाधान निकाले की मांग की।
 
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