गुरुग्राम। कई उतार-चढ़ाव के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व प्रदेश के पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव कांग्रेस से टिकट लेने में सफल रहे। पार्टी हाईकमान ने उन्हें गुरुग्राम संसदीय सीट से मैदान में उतारा है। भाजपा केंद्रीय राज्यमंत्री एवं सांसद राव इंद्रजीत सिंह को पहले ही मैदान में उतार चुकी है। वे अपना चुनाव प्रचार भी जोर-शोर से शुरू कर चुके हैं। राजनीतिक परिवार से जुड़े कैप्टन लोकसभा के लिए पहली बार चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले वह रेवाड़ी विधानसभा क्षेत्र से लगातार छह बार विधायक रह चुके हैं। वर्ष 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में कैप्टन मोदी लहर के चलते भाजपा के रणधीर कापड़ीवास से हार गए थे। विधानसभा चुनाव हारने के बाद वे गुड़गांव में ही रहकर लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रहे थे। कैप्टन अपने पुत्र चिरंजीव राव के लिए भी टिकट मांग रहे थे, मगर पार्टी ने उनके नाम पर ही मुहर लगाई।
राव व कैप्टन के परिवार के बीच राजनीति का दंगल नया नहीं है। कैप्टन के पिता गांव सहरनवास निवासी राव अभय सिंह ने 1952 में हुए विधानसभा चुनाव में हरियाणा की राजनीति की धुरी माने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री व राव इंद्रजीत के पिता राव बीरेंद्र सिंह को शिकस्त दी थी। अभय सिंह कांग्रेस के टिकट से लड़े थे। सेना की नौकरी छोड़ने के बाद कैप्टन ने 1989 में पहला विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर रेवाड़ी विधानसभा क्षेत्र से लड़ा और राव बीरेंद्र सिंह के मंझले बेटे राव अजीत सिंह को हराया था। तब से कैप्टन जीतते आए, लेकिन मोदी लहर में मात खा गए। अब लोकसभा में उनका सामना हैट्रिक बनाने के लिए उतरे राजनीति के माहिर राव इंद्रजीत सिंह से है। हालांकि अन्य दलों ने अभी अपने पत्ते खोले नहीं हैं। सभी चेहरे सामने आने के बाद ही तस्वीर स्पष्ट हो पाएगी।