नई दिल्ली। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के दौरान प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक के बजाय पांच इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के मतों को वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल्स की पर्चियों के साथ मिलान कराने के आदेश पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता जतायी है। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीपंसिंह सुरजेवाला ने सोमवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल पर कहा कि विपक्ष को संशय था, इसलिए सबने कम से कम 50 प्रतिशत वीवीपैट से निकली पर्चियों का मिलान ईवीएम में पड़े मतों से करने की मांग की थी, लेकिन न्यायालय ने इसे एक से बढाकर केवल पांच किया है। उन्होंने कहा कि यह तर्कसंगत नहीं है और न ही प्रजातंत्र को मजबूत करने वाला आदेश है, इसलिए इस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने लोकसभा चुनाव के दौरान प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक के बजाय पांच ईवीएम के मतों को वीवीपैट की पर्चियों के साथ मिलान कराने का आज आदेश दिया। सुरजेवाला ने कहा कि प्रजातंत्र में यह आवश्यक है कि मतदाता का वोट उसी व्यक्ति को जाए जिसे वह चाहता है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने जब ईवीएम मशीन के साथ वीवीपैट लगाने का निर्णय किया था तो स्वाभाविक तौर से उसे यह भी संशय रहा होगा कि मशीन से छेड़छाड हो सकती है, वरना यह निर्णय वह नहीं लेता। देश की जनता की कमाई का 18 हजार करोड़ रुपये वीवीपैट मशीन खरीदने और लगाने पर इसी वजह से खर्च किया गया। यदि वीवीपैट का इस्तेमाल ही नहीं किया जाना था तो वीवीपैट मशीनें लगाई ही क्यों गई। उन्होंने कहा कि यह किसी राजनीतिक दल का नहीं, बल्कि देश की सबसे बड़ी अदालत का फैसला था। प्रजातंत्र की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए न्यायालय से यह मांग की गयी। उन्होंने कहा, ‘‘यह फैसला प्रजातंत्र की मान्यताओं के अनुरूप नहीं है और एक नागरिक के तौर पर मैं यह कहूंगा कि न्यायालय का फैसला तर्कसंगत नहीं है और प्रजातंत्र को मजबूत करने वाला भी नहीं। उसे इस पर पुनर्विचार करना चाहिए।