नई दिल्ली। नई दिल्ली लोकसभा के चुनाव की तारीखें नजदीक आती जा रही है, आम आदमी पार्टी द्वारा दिल्ली में कांग्रेस से गठबंधन के सभी प्रयास चल रहे हैं। लेकिन अब कांग्रेस कार्यकर्ता भी गठबंधन को लेकर तैयार नहीं है। राजधानी दिल्ली की 7 लोकसभा की सीटों को लेकर भले ही आप ने अपने प्रत्याशियों की लिस्ट बना कर प्रचार की रणनीति बनाना शुरू कर दिया है लेकिन गठबंधन की कोशिशें अब भी जारी हैं। सूत्रों की कहना है कि शक्ति एप पर भी गठबंधन का विरोध दिख रहा है। इस बीच शरद पवार कांग्रेसी नेताओं से मिल कर गठबंधन की कोशिशों में लगे हुए हैं।
हालांकि लोकसभा चुनाव में महा गठबंधन के साथ जाने की दुहाई आप नेता संजय सिंह अब भी दे रहे हैं, लेकिन प्रदेश संयोजक गोपाल राय सीधे तौर पर कह रहे हैं कि दिल्ली में गठबंधन के लिए कांग्रेस ने बहुत देर कर दी। कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित के साथ कार्यकारी अध्यक्ष देवेंद्र यादव, हारून यूसुफ, राजेश लिलोठिया भी सीधे तौर पर मना कर रहे हैं कि गठबंधन नहीं, अकेले दम पर 7 सीटों पर लड़ेंगे। मीडिया से बातचीत में कांग्रेस नेताओं ने माना कंफ्यूजन बना रहा है लेकिन गठबंधन के लिए लगभग मना कर दिया है।
आसान नहीं है केजरीवाल के साथ जाना
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी से जुड़े एक नेता ने बातचीत में साफ किया कि गठबंधन का फैसला राहुल गांधी भी दिल्ली में 4 अध्यक्षों के फैसले या राय के खिलाफ नहीं लेंगे। शक्ति एप के सर्वे में करीब 90% कार्यकर्ताओं ने गठबंधन को ना कहा है। फिर भी गठबंधन के पक्ष में प्रभारी, एक पूर्व अध्यक्ष और एक पूर्व सांसद ही खुलकर सामने आ रहे हैं। यूपी में पहले शीला दीक्षित को सीएम प्रत्याशी घोषित करने के बाद गठबंधन करने और शीला दीक्षित को बीच में वापस बुलाने का हश्र कांग्रेस देख चुकी है। ऐसे में अविश्वसनीयता की मार झेल रहे अरविंद केजरीवाल से गठबंधन करने का फैसला कांग्रेस के लिए आसान नहीं होगा।
कांग्रेस से गठबंधन नहीं
मेरी जानकारी के मुताबिक जितनी ऑफिशियल जानकारी मेरे पास है, कांग्रेस गठबंधन के लिए मना कर चुकी है। वो अखबारों में क्या स्टोरी प्लांट कर रही है, क्या बैठकें कर रहे हैं। हमें उससे क्या लेना देना। कांग्रेस हमें ऑफिशियल कह चुके हैं कि गठबंधन नहीं कर रहे हैं। हमारी उनसे कोई बातचीत नहीं चल रही है। - अरविंद केजरीवाल, आप संयोजक