मुंबई। इशिता दत्ता टीवी और विज्ञापनों की दुनिया का लोकप्रिय चेहरा हैं। 'एक घर बनाऊंगा' जैसे टीवी धारावाहिक में नजर आने वाली इशिता ने अजय देवगन-तब्बू अभिनीत 'दृश्यम' में काफी तारीफ पाई। इन दिनों वह चर्चा में हैं, अपनी नई फिल्म 'फिरंगी' से। 'दृश्यम' का हिस्सा बनने के सवाल पर कहा-मैं बहुत खुश हूं कि मैं इस फिल्म का हिस्सा बनी। आज भी दो अक्टूबर को लोग मुझे फोन या मेसेज करके पूछते हैं, 'याद है न कल दो अक्टूबर है।' फिल्म में '2 अक्टूबरवाला डायलॉग' बहुत लोकप्रिय हुआ था और लोगों को आज भी याद है। मैं मानती हूं कि वह फिल्म मेरे लिए उपयुक्त लॉन्च नहीं थी, मगर मैं उस फिल्म से बहुत मशहूर हुई। मेरा काम बहुत पसंद किया गया।
एक अभिनेत्री के रूप में मुझे पहचान मिली। सबसे बड़ी बात कि मुझे फिल्म में अजय देवगन और तब्बू जैसे बड़े कलाकारों के साथ काम करने का अवसर प्राप्त हुआ। मुझे लगता है इस फिल्म में काम करने का मेरा फैसला सही था। मैंने दक्षिण में दो फिल्में की हैं। अपने करियर की शुरूआत मैंने वहीं से की। उसके बाद मैंने कुछ विज्ञापन फिल्मों में काम किया। आगे चलकर मुझे एक टीवी धारावाहिक 'एक घर बनाऊंगा' मिला। 'दृश्यम' उसके पश्चात मेरे हिस्से में आई, मगर ज्यादातर मैंने जो कुछ सीखा, वह टीवी इंडस्ट्री से सीखा। तनुश्री दत्ता (अभिनेत्री) जो इशिता की बहन हैं,उनके बारे में बताया कि -उन्होंने मेरे लिए हर पल एक मार्गदर्शक का काम किया है। मुझे किसी भी तरह की दिक्कत या असुरक्षा होती है तो वे हमेशा मेरी मदद करती हैं। वह मुझे हर पहलू का सकारात्मक और नकारात्मक रुख बताती हैं और कहती हैं, 'अब निर्णय तुम्हें करना है।' उनका होना मेरे लिए बहुत ही बड़ा सहारा है। मेरे लिए सबसे बड़ी बात यह रही कि मेरे परिवार ने हमेशा मुझे सहयोग दिया है। तनुश्री के लिए मेरे दिल में बहुत सम्मान है। वह मेरे लिए दोस्त जैसी हैं, मगर मैं उनसे डरती भी बहुत हूं। वह मेरी जिंदगी की हर बात से वाकिफ हैं। अगर मैं कभी कुछ गलत करूं, तो मुझे उनका डर रहता है। उनका कहा हुआ, मेरे लिए बहुत मायने रखता है। वह मुझसे बड़ी हैं, मगर उनका कहना है, 'इशिता मेरी बॉस हैं।' मैं बचपन में बहुत शरारत किया करती थी और अक्सर जब वह मुझे डांटती, तो मैं उन्हें बाथरूम में बंद कर दिया करती थी। मैं लेफ्टी हूं और जब भी हमारा ज्यादा झगड़ा होता तो मैं उन्हें दोनों हाथों से पीटा करती थी। वे तो घबरा जाती थीं। (हंसती हैं) आज दौर बदल चुका है। तनुश्री ने जब अपने करियर की शुरूआत की थी, तब बोल्डनेस की परिभाषा कुछ और थी। आज कुछ भी बोल्ड नहीं रहा है।
आज सभी अभिनेत्रियां अपने रोल के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। अंग प्रदर्शन को लेकर मैंने अपने लिए कोई बंदिश नहीं रखी है। मैं किरदार के अनुसार काम करूंगी। अगर कोई दमदार बोल्ड भूमिका मिले तो मैं उसे करने से हिचकूंगी नहीं। 'फिरंगी' में मौका मिलने की कहानी बताते हुए बोलीं - जिन कास्टिंग डायरेक्टर ने मुझे 'दृश्यम' के लिए कास्ट किया था, उन्होंने ही 'फिरंगी' की भी कास्टिंग की है। स्क्रिप्ट तैयार होने के बाद उन्हें लगा कि मैं यह फिल्म कर पाऊंगी। वे चरित्र का प्रस्ताव लेकर मेरे पास आए और उन्होंने मुझे निर्देशक राजीव ढींगरा से मिलवाया। मेरा स्क्रीन टेस्ट हुआ। उन्हें भी मेरा काम पसंद आया। फिर कुछ इंतजार के बाद मुझे फोन आया और उन्होंने मुझे बताया कि मैं फिल्म के लिए चुन ली गई हूं।