मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक के बुधवार को जारी मौद्रिक नीति बयान में चालू वित्त वर्ष का विकास अनुमान घटाने से घरेलू शेयर बाजार दबाव में आ गये और बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सेंसेक्स 286.35 अंक लुढ़ककर पाँच महीने के निचले स्तर 35,690.50 अंक पर आ गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 92.75 अंक की गिरावट में 10,855.50 अंक पर बंद हुआ।
धातु और ऑटो समूहों में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गयी। बैकिंग तथा ऑटो क्षेत्र की कंपनियों के साथ विविध क्षेत्रों में कारोबार करने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईटीसी ने भी बाजार पर दबाव बनाया। केंद्रीय बैंक ने मुख्य नीतिगत दर रेपो रेट में 0.35 प्रतिशत की कटौती की है, लेकिन साथ ही कमजोर घरेलू तथा वैश्विक माँग के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष का विकास अनुमान सात फीसदी से घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया है। दरों में कटौती के कारण आरबीआई के बयान के तुरंत बाद बाजार में तेजी देखी गयी, लेकिन कुछ देर बाद बिकवाली शुरू हो गयी।
सेंसेक्स 49.42 अंक की बढ़त के साथ 37,025.27 अंक पर खुला। नीतिगत दरों की घोषणा के बाद यह 37,104.79 अंक के दिवस के उच्चतम स्तर पर पहुँच गया। बाद में शुरू हुई बिकवाली से एक समय यह 36,610.57 अंक के निचले स्तर तक भी उतरा। कारोबार की समाप्ति पर यह गत दिवस की तुलना में 286.35 अंक यानी 0.77 प्रतिशत नीचे 36,690.50 अंक पर बंद हुआ जो 08 मार्च के बाद का निचला स्तर है। सेंसेक्स की 30 में से आठ कंपनियों के शेयर बढ़त में और शेष 22 के गिरावट में रहे।