नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल को करीब-करीब 50 दिन पूरे हो चुके हैं। शेयर बाजार के लिहाज से ये 50 दिन कुछ मीठे और ज्यादातर खट्टे ही साबित हुए हैं। इसका कारण ये है कि मार्केट एक्सपर्ट पिछले साल अक्टूबर नवंबर में प्रिडिक्ट कर रहे थे कि अगर देश में मोदी सरकार रिपीट होती है तो सेंसेक्स 44 हजार अंकों को पार कर जाएगा। सेंसेक्स के नंबर्स कुछ और बयां कर रहे हैं। मौजूदा समय में सेंसेक्स 38000 के लेवल पर दम तोड़ चुका है। मार्केट कैप के लिहाज से देखें तो निवेशकों को 9 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इन 50 दिनों में बैंकिंग से लेकर ऑटो और कैपिटल गुड्स सेक्टर तक सब धराशायी हो चुके हैं।
शुक्रवार को सेंसेक्स और निफ्टी में काफी गिरावट देखने को मिली है। वहीं 50 दिनों का ट्रैक देखें तो सेंसेक्स में 29 मई से 19 जुलाई तक 1165 अंकों की गिरावट आ चुकी है। यही हाल कुछ निफ्टी का भी देखने को मिला है। निफ्टी 50 समान अवधि में 442 अंक नीचे आ चुके है। निवेशकों के नुकसान की बात करें तो बीएसई मार्केट कैप के लिहाज से बड़ा नुकसान है। 29 मई को बीएसई का मार्केट कैप 1,54,58,305.78 करोड़ रुपए था। जबकि 19 जुलाई को सेंसेक्स गिरा तो मार्केट कैप 1,45,38,709.12 पर था यानि दोनों दिनों के अंतर को देखा जाए तो 9.19 लाख करोड़ रुपए का है। जो इंवेस्टर्स का नुकसान है। खास बात ये है 2 लाख करोड़ रुपए का नुकसान सिर्फ 19 जुलाई का ही है।