मुंबई। सेंसेक्स में तीन दिन से जारी तेजी बृहस्पतिवार को थम गई। सेंसेक्स 318 अंक गिरकर 39,000 अंक के नीचे रहा। येस बैंक, माइंडट्री समेत कुछ अन्य कंपनियों के तिमाही नतीजों में सुस्ती से अर्थव्यवस्था की गति बढ़ने की उम्मीदों को झटका लगा है। कारोबारियों ने कहा कि वैश्विक बाजार में नरमी और रुपए में गिरावट से भी निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। इस बीच, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने चालू वित्त वर्ष के लिए देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर का ताजा अनुमान 7.2 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत कर दिया है। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 318.18 अंक यानी 0.81 प्रतिशत की गिरावट के साथ 38,897.46 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 90.60 अंक यानी 0.78 प्रतिशत गिरकर 11,596.90 अंक पर बंद हुआ।
जून तिमाही में बैंक के एकीकृत शुद्ध लाभ में 92.44 प्रतिशत गिरावट के बाद इसके शेयर 12.85 प्रतिशत तक टूट गए। इसके अलावा ओएनजीसी, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुति, वेदांता, बजाज आॅटो, टीसीएस, एसबीआई और एचसीएल टेक के शेयर 4.24 प्रतिशत तक नुकसान में रहे। वहीं, दूसरी ओर, एचडीएफसी के शेयर में सबसे ज्यादा 2.26 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। इसके बाद कोटक बैंक, एचडीएफसी बैंक और आईटीसी 0.31 प्रतिशत तक लाभ में रहे।
सैंक्टम वेल्थ मैनेजमेंट के मुख्य निवेश अधिकारी सुनील शर्मा ने कहा, कंपनियों के निराशाजनक तिमाही नतीजों और अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध की चिंताओं से भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली का दौर रहा। उन्होंने कहा कि कमजोर वैश्विक रुख और तिमाही नतीजों से घरेलू शेयर बाजार करीब-करीब एक प्रतिशत तक नीचे आ गया। पीएसयू, धातु एवं वाहन क्षेत्र के साथ लगभग सभी क्षेत्रीय सूचकांक नीचे रहे। शर्मा ने कहा, हालांकि, विदेशी निवेशक भारतीय बांड बाजार में भारी निवेश कर रहे हैं क्योंकि यहां बांड का प्रतिफल विकसित बाजारों की तुलना में अब भी ऊंचे स्तर पर है। सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी माइंडट्री का एकीकृत शुद्ध लाभ 30 जून 2019 को समाप्त तिमाही में 41.4 प्रतिशत घट गया।