नई दिल्ली। शेयर बाजार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण कालिक बजट रास नहीं आया। मार्केट फ्रेंडली बजट न होने से पिछले दो सत्रों में शेयर बाजार के निवेशकों को 5 लाख करोड़ रुपए का चूना लग चुका है। शुक्रवार को बीएसई लिस्टेड सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 153.58 लाख करोड़ रुपए था, जो सोमवार को सुबह 11:40 मिनट के आसपास घटकर 148.43 लाख करोड़ रुपए रह गया। शुक्रवार को 1 प्रतिशत टूटने के बाद बीएसई सेंसेक्स सोमवार को भारी बिकवाली के चलते और 2.29 प्रतिशत या 900 से अधिक अंक टूट गया। बाजार जानकारों का कहना है कि वृद्धि को आगे बढ़ाने में नाकाम रहे बजट की वजह से विदेशी निवेशक बिकवाली कर रहे हैं। सोमवार को दोपहर 2:26 बजे बीएसई सेंसेक्स 904.29 अंक या 2.29 प्रतिशत गिरकर 38612.65 अंक पर कारोबार कर रहा था। वहीं एनएसई निफ्टी 285.10 अंक या 2.41 प्रतिशत गिरकर 11,526.05 अंक पर कारोबार कर रहा था।
गिरावट की क्या है वजह- शेयर बाजार में इतनी बड़ी गिरावट की सबसे बड़ी वजह आम बजट से निवेशकों की निराशा है। बाजार के जानकारों के मुताबिक बजट में घरेलू अर्थव्यवस्था को बूस्ट देने का कोई क्लीयर रोडमैप नहीं दिखा। निवेश को कैसे बूस्ट मिलेगा, इसको लेकर सरकार ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। यही वजह है कि निवेशक निराश हैं। इसके अलावा अमेरिका में जून महीने में जॉब डाटा बेहतर रहा है। जून में 2,24,000 नई नौकरियां दी गई हैं। यह जनवरी के बाद सबसे ज्यादा है। इसका मतलब यह हुआ कि यूएस में जॉब डाटा का प्रभाव पड़ा है। रुपए में कमजोरी की वजह से भी निवेशक सतर्क नजर आ रहे हैं।