मुंबई। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा भारतीय और वैश्विक अर्थव्यवस्था का विकास अनुमान घटाने से घरेलू शेयर बाजार में बुधवार को निवेश धारणा कमजोर रही और दिग्गज कंपनियों में भारी बिकवाली से प्रमुख सूचकांक दो सप्ताह के निचले स्तर पर आ गए।
लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए गुरुवार को होने वाले मतदान से पहले दूरसंचार, बैंकिंग और वित्तीय, आईटी एवं टेक तथा धातु क्षेत्र की कंपनियों में बिकवाली रही।
इससे बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 353.87 अंक यानी 0.91 प्रतिशत की बड़ी गिरावट के साथ 38,585.35 अंक पर बंद हुआ। यह 28 मार्च के बाद का इसका निचला स्तर है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 87.65 अंक यानी 0.75 प्रतिशत टूटकर 27 मार्च के बाद के निचले स्तर 11,548.30 अंक पर आ गया।
मझौली और छोटी कंपनियों में बिकवाली का जोर अपेक्षाकृत कम रहा। बीएसई का मिडकैप 0.33 प्रतिशत गिरकर 15,368.86 अंक पर और स्मॉलकैप 0.02 प्रतिशत फिसलकर 14,968.96 अंक पर रहा। सेंसेक्स की कंपनियों में भारती एयरटेल ने सवा तीन फीसदी का नुकसान उठाया। एशियन पेंट्स, टीसीएस और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में भी दो प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट रही। टाटा मोटर्स के शेयर साढ़े चार प्रतिशत से ज्यादा चढ़े।