गाजियाबाद। अपनी ही बेटी और नौकर के कत्ल के आरोप में करीब चार साल जेल की सजा काट चुके आरुषि के माता-पिता डॉ. राजेश और नूपुर तलवार आज जेल से रिहा हो गए। हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी पहुंचने के बाद सीबीआई कोर्ट ने रिहाई का आदेश जारी किया। इसके बाद डासना जेल से दोनों को रिहा कर दिया गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए तलवार दंपति को आरुषि-हेमराज मर्डर केस से बरी कर दिया था। सीबीआई कोर्ट ने उन्हें दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
सुबह से स्थिति थी असमंजन में
गौरतलब है कि मेरठ में वकीलों पर हुए लाठी चार्ज के विरोध में देशभर के वकील हड़ताल पर चले गए हैं। इसका असर अब तलवार दंपति की रिहाई पर दिखने लगा है। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश त्यागी काकड़ा ने कहा है कि जिले के सभी वकील हड़ताल पर हैं।
हड़ताल पर थे वकील
ऐसे में तलवार दंपति के बेल बॉन्ड भरने संबंधी कार्रवाई और जमानत संबंधी काम अब नहीं किए जा सकते हैं। वकीलों के आक्रोश को देखते हुए अब असमंजस की स्थिति बन गई है कि आज तलवार दंपति को रिहाई मिलेगी या फिर अभी उन्हें और इंतजार करना पड़ेगा। इस संबंध में जब तलवार दंपति के वकील मनोज सिसोदिया से बात की गई तो उन्होंने हमने अपनी तरफ से कोर्ट में सभी दस्तावेज जमा कर दिए हैं, बाकी कोर्ट कार्रवाई पर ही निर्भर करेगा।
जानकारी के अनुसार तलवार दंपति का रिलीज ऑर्डर सीबीआई कोर्ट पहुंचा जिसके बाद दोपहर 3:30 बजे वहां से इनकी रिहाई का परवाना जारी हुआ। इस दौरान सीबीआई कोर्ट में 4 लोगों ने राजेश और नूपुर तलवार का बेल बांड भरा। इनमें नूपुर के माता-पिता, राजेश के भाई दिनेश तलवार और उनके दोस्त शामिल हैं।
गरीबों को बांट जाएंगे सामान
राजेश और नूपुर तलवार ने जेल में जो भी अपनी जरूरतों के समान जेल मैनुअल के हिसाब से मंगाए थे। वो समान तलवार दंपति जेल में ही गरीब बंदियों को बांट कर जेल से बाहर जाएंगे। इसके साथ ही राजेश और नुपुर तलवार जेल में जो भी अपनी धामिर्क इतिहास और आध्यात्मिक किताबें लाए थे वो जेल लाइब्रेरी में जेल बंदियों के लिए छोड़कर जाएंगे। उनके कामकाज और व्यवहार के हिसाब से जेल प्रशासन अच्छा ग्रेड देने की तैयारी कर रहे हैं।
इतने दिन काटनी पड़ी जेल
राजेश तलवार ने डासना जेल में 3 साल 10 माह और 21 दिन बतौर सजायाफ्ता कैदी के तौर पर काटे हैं। वहीं विचाराधीन के तौर पर 1 माह 20 दिन जेल में काटे हैं। जबकि नूपुर तलवार ने डासना जेल में 3 साल 6 माह और 22 दिन सजायाफ्ता कैदी के तौर पर काटे हैं। वहीं विचाराधीन के तौर पर 4 माह 26 दिन जेल में काटे हैं। 12 अक्टूबर को ही हाई कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के बाद भी तलवार दंपति की रिहाई नहीं हो पाई क्योंकि समय से जेल प्रशासन को फैसले की कॉपी नहीं मिली थी।