नई दिल्ली। मणिपुर में AFSPA हटाने की मांग को लेकर पिछले 16 साल से इरोम शर्मिला अनशन कर रही थीं। जिसे हाल ही में उन्होंने खत्म कर राजनीति में आने का ऐलान किया। उनसे जुड़ी हैरान करने वाली एक खबर आई है। इरोम शर्मिला के पास उनकी पहचान दिखाने के लिए कोई भी आधिकारिक दस्तावेज नहीं है।
नहीं है कोई दस्तावेज
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक इरोम शर्मिला के पास ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है जिससे वो साबित कर सकें कि वो भारत की नागरिक हैं। मसलन इरोम के पास ना तो पैन कार्ड है और ना ही बैंक अकाउंट यहां तक की उनके पास वोटर आईडी कार्ड भी नहीं है जोकि चुनाव लडऩे के लिए अनिवार्य होता है। चिंता का विषय यह है कि अगर इरोम ने जल्द से जल्द इन चीजों का इंतजाम नहीं किया तो वह चुनाव ही नहीं लड़ पाएंगी।
क्या था मामला
इरोम शर्मिला ने 4 नवंबर, 2000 में आमरण अनशन शुरू किया था, जब कथित रूप से असम राइफल के जवानों ने इंफाल एयरपोर्ट के पास बस स्टॉप पर बस का इंतजार कर रहे 10 लोगों को गोलियों से भून डाला था। इसके बाद से इरोम शर्मिला लगातार एएफएसपीए को मणिपुर से हटाने की मांग कर रही है।