इंदौर। सालों से इंदौर में रहने वाला शातिर, जालसाज, ठग और ब्लैक मेलर अपने आपको किसान कहने वाला ऑटो पार्ट्स व्यवसायी और जमीनों के गोरखधंधे का मास्टरमाइंड जगदीश पिता भागीरथ प्रसाद पालीवाल (63 साल) ने इंदौर के कई लोगों का पैसा हड़पा है, जिसके खिलाफ अब भोपाल के एक थाने में ब्लैकमेलिंग और वसूली के अपराध की धाराओ में नामजद रिपोर्ट दर्ज है।
सन 1986 में मात्र 5000 रूपए एक आदमी से उधार लेकर इंदौर विकास प्राधिकरण की स्कीम में 40 हजार स्क्वायर फीट के प्लाट जिसका लैंड यूज सिर्फ होटल था की निविदा में भाव भरकर अपने नाम से आवंटित करवाया। चूंकि इसके पास प्लाट की लीज भरने के तकरीबन 13 लाख रूपए तो दूर की बात 13 हजार रूपए भी नहीं थे। चूंकि यह बात यह जमीनों का शातिर जालसाज और मुनाफा खोर अच्छे से जानता था।
जब इंदौर विकास प्राधिकरण ने उसे लीज की रकम भरने की अंतिम तारिख से पहले तक कई नोटिस दिए उसके बाद भी ये लीज की रकम का इंतजाम नहीं कर पाया तब इसने उस समय के अपने गांव के एक पहचान वाले मित्र और उस समय के प्रख्यात व्यापारी मनवानी ब्रदर्श को रजिस्टर्ड अपर्वर्तनीय पॉवर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से 2 लाख रूपए लेकर उनको इस प्लाट में होटल बनाने के समस्त अधिकार और इसकी लीज किसी भी कंपनी के नाम करने के पूर्ण अधिकार दे दिए थे।
इसका उसी समय से इस प्लाट से कोई लेना देना नही था। इस बात के 33 साल बाद तक इसी शहर में रहते हुए वो भी इस प्लाट के मात्र कुछ कदम की दूरी पर, इसने कोई शिकायत न ही पुलिस थाने में की और न ही इंदौर विकास प्राधीकरण में की और न ही इस से सम्बंधित कोई जानकारी प्राप्त करने के लिए न ही पॉवर ऑफ अटॉर्नी होल्डर तुलसी मनवानी से न फोन पर, न मोबाइल पर, न ही पत्राचार द्वारा और न ही व्यक्तिगत रूप से कभी मुलाकात कर जानकारी पाने की चेष्टा की।
न कभी इसके बेटों और अन्य रिश्तेदारों बहुओं और पत्नी तक को इस प्लाट के बारे में आज तक कुछ पता था। कभी इस प्लाट को इनकम टेक्स रिटर्न में दर्शाया गया। यहां तक की इंदौर विकास प्राधिकरण, नगरनिगम, एम.पी.बी.ई में कोई शुल्क लीज, टेक्स या बिल इसके द्वारा भरा गया और न ही कोई रशीद इसके पास है।
पिछले 20 सालो से लाखो रूपए का कर्जा है। इसके खिलाफ चेक बाउंस के भी मुकदमे चले। उधारी चुकाने के लिए पुश्तैनी जमीन भी बेची। रूपयों के लिए इसके रिश्तेदारों को भी ठगा और उनसे झगडा किए। इंदौर के विजयनगर स्थित मकान पर भी करोड़ों का कर्जा है उसकी किश्ते आज तक नहीं भरी। किश्ते नहीं भरने पर पंजाब नेशनल बैंक ने न्यायालय में मुकदमा लगा रखा है।
सन 2017-2018 में इंदौर के छावनी स्थित ब्लैक मेलर, ठग और धोखेबाज के साथ मिलकर इसने मात्र दस्तावेजो के आधार पर असत्य तथ्यों को सत्य प्रतीत होने का झांसा देकर इस होटल बनाने वाली कंपनी के मालिकों को ब्लैकमेल कर रूपए एठने की नीयत से राज्य आर्थिक अपराध और विजयनगर थाने में फर्जी, झूठी और मनगढ़ंत शिकायते की और एक बिना सबूत और गवाह की फर्जी एफआईआर दर्ज करवा दी।
उसी उपक्रम और ब्लैकमेल करने के उद्धेश्य से जीतू सोनी कांड की आड़ में एक झूठी और बेबुनियाद शिकायत वो भी बिना सबूत और गवाहों के इंदौर शहर के जाने माने उधोगपति गिरीश मतलानी के खिलाफ जीतू सोनी को मुख्य अभियुक्त बताकर गिरीश मतलानी जैसे देश के विख्यात उद्योगपति को सह अभियुक्त बताते हुए दर्ज करवा दी। पुलिस ने भी बिना जांच और सबूत के रिपोर्ट दर्ज भी कर ली। इस शातिर धूर्त व्यक्ति का साथ एक दूसरा शातिर और धूर्त व्यक्ति दे रहा है, जिससे ब्लैक मैलिंग के पैसो में हिस्सा बाटी हो जाय।
पुलिस और जांच एजेंसियो को चाहिए की इस शातिर, धूर्त और जालसाज तथा किसान और इसके संगी साथियों की इस ब्लैकमेलिंग की साजिश की गहन जांच कर इसके खिलाफ पुलिस और जांच एजेंसियों को झूठी, मनगढ़ंत, तथ्यों को छिपाकर तोड़ मरोड़कर ब्लैकमेलिंग और अवैधवसूली और अड़ी बाजी की धाराओं में एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार कर जांच कर कड़ी से कड़ी कारवाई की जाए।