बलरामपुर। उत्तर प्रदेश में बलरामपुर की एक अदालत ने नाबालिग बालिका को अगला कर उसके साथ दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त को दस वर्ष का सश्रम कारावास और तीस हजार रूपया अर्थ दंड की सजा सुनाई है। जिला शासकीय अधिवक्ता ने मंगलवार को यहाँ यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि घटना करीब दो वर्ष पूर्व नगर कोतवाली क्षेत्र की है। पीड़िता के पिता ने थाने में मुकदमा दर्ज कराया कि महराजगंज तराई थाना क्षेत्र के शिवचरन डीह के निवासी उमेश कुमार ने उसकी नाबालिग बालिका को अगवा कर लिया है।
उन्होने बताया कि पीड़तिा के बयान के आधार पर विवेचक ने दुष्कर्म की धारा की बढ़ोतरी कर आरोपी के विरुद्ध आरोप पत्र जिले की पॉस्को अदालत पर दाखिल किया। अपर जिला सत्र न्यायालय (प्रथम) न्यायाधीश राम सुलीन सिंह ने सोमवार को दोनों पक्षो के बहस को सुनने और पत्रावली के अवलोकन के उपरांत मामले में आरोपी को दोषी पाया। न्यायालय ने नाबालिग बालिका को अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म करने के अपराध में शिवचरन को दस वर्ष के सश्रम कारावास और तीस हजार रूपया अर्थ दंड की सजा सुनाई है। अदालत ने अपने फैसले मे कहा कि अर्थ दंड की रकम अदा न करने की दशा मे दोषी को तीन वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना पडेगा।