नई दिल्ली। आगरा के ताज ट्रैपेजियम जोन (टीटीजेड) में स्थित मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय ने अस्पताल परिसर में सूखे पेड़ों की कटाई की अनुमति के लिए आज उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिस पर दो सप्ताह के भीतर सुनवाई होगी। अस्पताल प्रशासन की ओर से मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख किया और त्वरित सुनवाई की मांग की।
अस्पताल की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि अस्पताल परिसर में सूखे और सड़ रहे पेड़ मानसिक रोगियों को डरा रहे हैं तथा रोगियों के स्वास्थ्य के साथ-साथ डॉक्टरों को भी प्रभावित करते हैं। इसलिए इसे जल्द से जल्द काटने की अनुमति दी जानी चाहिए। दरअसल, आगरा के वन विभाग ने सूखे और सड़े हुए पेड़ों को हटाने की अनुमति से इन्कार कर दिया है।
विभाग का कहना है कि टीटीजेड में पेड़ों को काटने या हटाने पर शीर्ष अदालत ने रोक लगा रखी है, ऐसे में वह इसकी अनुमति अस्पताल को नहीं दे सकता। वकील की दलीलें सुनने के बाद न्यायमूर्ति बोबडे ने पहले कहा कि अस्पताल प्रशासन नगर निगम के पास आवेदन कर मृत पेड़ों को हटाने का अनुरोध करें। बाद में उन्होंने कहा कि वह इस मामले पर आगामी दो सप्ताह के अंदर सुनवाई करेंगे।