बीकानेर। ऑल इण्डिया बैंक एम्पलॉयज एसोसिएशन एवं बैंक एम्पलॉयज फेडरेशन ऑफ इण्डिया के आवान पर बैंकों के विलय के विरोध में 22 अक्टूबर को चार लाख बैंककर्मी एक दिन की सांकेतिक हड़ताल पर रहेंगे। हड़ताल की पूर्व सन्ध्या पर आज शाम यहां यूको बैंक के सामने, बैंककर्मियों द्वारा प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन को संबोधित करते हुये एसोसिएशन के सचिव वाई. के. शर्मा ने बड़े बैंकों की स्थापना को आमजन के हितों के खिलाफ बताते हुए कहा कि बडे बैंके बड़े ऋण करेगी, जो कि औद्योगिक घरानों को दिये जाऐंगे एवं बड़ी राशि का ऋण खराब होने से बैंको के दिवालिया होने की सभावनाऐं बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 तक बैंक के डुबत ऋणों की राशि 13 लाख करोड पहुंच चुकी है।
बैंक कर्मियों की मुख्य मांग 10 बैंकों (पंजाब नेशनल बैंक, इण्डियन बैंक, ओबीसी बैंक, यूनाईटेड बैंक ऑफ इण्डिया, आन्ध्रा बैंक, यूनियन बैंक, सिंडीकैंट बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक, इलाहाबाद बैंक, केनरा बैंक) का मर्जर करके चार बड़ी बैंको की स्थापना का विरोध करना है। संयोजक रामदेव राठौड ने बताया कि आज केन्द्रीय श्रम आयुक्त (केन्द्रीय) द्वारा दोनों अखिल भारतीय बैंक कर्मी संगठनों के महासचिव सी.एच. वेंकटाचलम व देवाशीष, देव चौधरी एवं इण्डियन बैंक्स एसोसिएशन के बीच समझौता वार्ता हैदराबाद में रखी गई, जो कि असफल रही एवं हड़ताल के निर्णय को यथावत रखा गया।