चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य में बाढ़ की स्थिति चिंताजनक होने के कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से एक हजार करोड़ रूपये का विशेष पैकेज देने की मांग की है। उन्होंने मोदी को लिखे पत्र में उनसे आग्रह किया है कि केन्द्र प्रभावित गांवों के किसानों को राहत के तौर पर संबद्ध अधिकारियों को पीड़ति किसानों का बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों से लिया गया कृषि लोन माफ करने के निर्देश दें। राज्य में 1988 में आई बाढ़ से भी यह भयावह है। राज्य में भारी बारिश तथा भाखड़ा बांध से छोडे गये पानी के कारण सतलुज नदी में बाढ़ आयी जिससे राज्य के सैकडों गांव तबाह हो गये तथा इतने ही खाली कराये गये। सारी लहलहाती फसल बर्बाद हो गयी।
कभी 1958 में भी बाढ़ आयी थी जिसमें भी भारी तबाही देखने को मिली थी। अब तक 1700 करोड़ से ज्यादा का नुकसान होने का अनुमान है। राज्य की गंभीर स्थिति को देखते हुये प्रभावित इलाकों में प्राकृतिक आपदा घोषित किये जाने के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना तथा एनडीआरएफ की ओर से आवश्यक सहायता मिल रही है, उसके बावजूद बाढ़ का पानी घटने का नाम नहीं ले रहा जिसका असर ग्रामीण तथा शहरी इलाकों में देखा जा रहा है।
बाढ़ का सबसे अधिक असर फिरोजपुर, रोपड़, लुधियाना, जालंधर, कपूरथला जिले के सौ से अधिक गांवों में पड़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्य सरकार के संबद्ध अधिकारियों को केन्द्र से विशेष राहत पैकेज के लिये मांगपत्र तैयार करने के निर्देश दिये हैं। राज्य के 326 गांव बुरी तरह प्रभावित हुये हैं तथा सवा लाख एकड़ में खड़ी फसल बर्बाद हो गयी। सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान रात दिन राहत और बचाव के काम में जुटे हैं। फिरोजपुर तथा जालंधर जिले सबसे प्रभावित हुये हैं। अधिकारी हालात पर नजर रख रहे हैं। उन्होंने मुख्य सचिव को जल संसाधन मंत्रालय के विशेष मुख्य सचिव तथा प्रधान सचिव से संपर्क बनाये रखने को कहा है। राज्य में राहत तथा बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है तथा अब तक प्रभावित गांवों से 5023 लोगों को बचाया गया है।