नईदिल्ली। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन यूनेस्को के भारत में संभावित धरोहरों की सूची में पश्चिम बंगाल का विष्णुपुर मंदिर, केरल के कोच्चि स्थित मात्तानचेरी पैलेस, मध्यप्रदेश के मांडू स्थित ग्रुप आफ मॉन्यूमेंट और उत्तर प्रदेश के वाराणसी के सारनाथ स्थित प्रचीन बौद्ध स्थल साल 1998 से यूनेस्को की संभावित विश्व धरोहर सूची में शामिल हैं। हालांकि अब तक पूर्ण रूप से विश्व धरोहर की मान्यता नहीं मिली है। यूनेस्को के विश्व धरोहर की संभावित सूची के बारे में पूछे जाने पर संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल ने से कहा कि यह सही है कि यूनेस्को की संभावित या अस्थायी धरोहरों की सूची में करीब 50 धरोहर हैं। ये यूनेस्को के मानदंडों को पूरा करते हैं
यूनेस्को के संभावित धरोहरों की सूची में भारतीय धरोहरों में पंजाब के अमृतसर स्थित श्री हरमंदिर साहिब और असम में ब्रह्मपुत्र नदी की मुख्यधारा से लगे माजुली द्वीप साल 2004 से ही शामिल है.वहीं, नामदाफा राष्ट्रीय उद्यान और लिटिल रन आफ कच्छ का वाइल्ड एस सैंचुरी साल 2006 से संभावित सूची में तथा नेउरा वैली नेशनल पार्क और डेजर्ट नेशनल पार्क साल 2009 से यूनेस्को की संभावित सूची में शामिल है। सिल्क रोड साइट्स इन इंडिया, शांति निकेतन, चारमिनार, कुतुबशाही मकबरा, गोलकोंडा किला तथा कश्मीर का मुगल गार्डन 2010 से यूनेस्को की संभावित धरोहरों में शामिल है. दिल्ली...हेरिटेज सिटी साल 2012 से संभावित विश्व धरोहर में शामिल है।