नई दिल्ली। देश में सालाना 35 लाख यात्रियों की आवाजाही की क्षमता वाले हवाई अड्डों की शुल्क को नियंत्रित करने वाले भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक 2019 को आज राज्यसभा में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने विधेयक पर हुयी चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि देश में 17 प्रतिशत की दर से उड्डयन क्षेत्र का विकास हो रहा है और सरकार लोगों को सुरक्षित एवं विश्वसनीय विमान सेवा उपलब्ध कराना चाहती है। वर्तमान कानून के तहत अधिकतम सालाना 15 लाख यात्रियों की आवाजाही की क्षमता वाले वाले हवाई अड्डे पर विमान कम्पनियों से शुल्क निर्धारित करने का अधिकार आर्थिक विनियामक प्राधिकरण का होता है लेकिन इस विधेयक के पारित होने से हवाई अड्डे की परिभाषाएं बदल जायेंगी और 35 लाख यात्रियों की क्षमता वाले हवाई अड्डे इसके दायरे में आ जायेंगे।
उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य निजी निवेश को बढावा देना भी है। उन्होंने संकट में पड़े जेट एयर लाईन पर कहा कि सरकार सभी एयर लाईन आपरेटरों के सम्पर्क में है और इसके लगभग 100 कर्मचारियों को दूसरे एयर लाईन में रखा गया है। अन्य कर्मचारियों को फिर से रोजगार देने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि निजी कम्पनियों के व्यवसाय में विफल होने की जिम्मेदारी सरकार नहीं ले सकती है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष अप्रैल के बाद हवाई जहाजों का किराया बढना रुका है। उन्होंने कहा कि एयर लाईन कम्पनियां काफी कम मार्जिन पर चल रही है। उन्होंने उड़ान योजना की चर्चा करते हुए कहा कि यह मांग आधारित योजना है।
सरकार ऐसे 100 हवाई अड्डों जहां से हवाई सेवा नहीं है, उन्हें उड़ान योजना से जोड़ना चाहती है। इससे पहले कांग्रेस के बी के हरिप्रसाद ने बेंगलूरु हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने और हवाई अड्डों के निजी हाथों में सौपने के पहले सावधानी बरतने का अनुरोध किया। आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने जेट एयर लाईन के कर्मचारियों का मुद्दा उठाया और कहा कि वे आन्दोलन कर रहे हैं लेकिन उनको कोई सुनने वाला नहीं है। बहुजन समाज पार्टी के वीर सिंह ने हवाई अड्डों पर कई प्रकार के शुल्क समाप्त करने तथा उन्हें तर्कसंगत बनाने का सुझाव दिया। भारतीय जनता पार्टी के राम कुमार वर्मा ने कहा कि देश में निवेश के लिए अच्छा वातावरण बना है और विमान यात्रियों की संख्या बढी है। भाजपा के ही हर्ष वर्धन सिंह ने गोवा , जयपुर और मैसूर हवाई अड्डे का विस्तार करने की मांग की।