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भारत-चीन के बीच व्यापार शुरू,145 व्यापारियों को मिली हरी झंडी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 21 2019 12:02AM | Updated Date: Jun 21 2019 12:02AM
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नैनीताल। भारत और चीन के बीच तकलाकोट के रास्ते होने वाले  व्यापार के लिए 145 व्यापारियों एवं सहायकों को पास जारी किये  गये हैं। उत्तराखंड के रास्ते भारत व चीन के बीच  हर साल एक जून से सितम्बर अंत तक व्यापार संचालित होता हैं। इस दौरान सैकड़ों  भारतीय व्यापारी चीन अधिकृत तिब्बत की तकलाकोट मंडी व्यापार के लिये जाते  हैं। व्यापारियों की सुविधा को देखते हुए केन्द्र सरकार हर वर्ष व्यापार की  अवधि को सितम्बर से  अक्टूबर अंत तक बढ़ा देती है। इस वर्ष भी भारतीय  व्यापारियों की मांग को देखते हुए केन्द्र सरकार ने व्यापारियों को राहत  प्रदान करते हुए 31 अक्टूबर तक व्यापारिक गतिविधियां संचालित करने की  अनुमति प्रदान कर दी है। धारचूला  के एसडीएम एवं ट्रेड अधिकारी वरूण अग्रवाल ने बताया कि अभी तक 145  व्यापारियों और उनके सहायकों को पास जारी कर दिये गये हैं। अभी तक कुल 213  व्यापारियों व सहायको ने तकलाकोट मंडी जाने के लिये आवेदन किया है। चार  के आवेदन निरस्त हुए हैं।

जबकि बाकी आवेदनों की जांच की जारी है। जल्द ही  और व्यापारियों को पास जारी कर दिये जायेंगे। प्रशासनिक  सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले साल 244 भारतीय व्यापारी चीन की  मंडी गये थे। पिछले वर्ष दोनों देशों के बीच छह करोड़ से अधिक का व्यापार  हुआ था। इसमें 53468487 रूपये का आयात हुआ जबकि 8642560 रूपये के चीनी  सामान का निर्यात किया गया।    दोनों देशों के बीच सन्  1992 से अनवरत व्यापार चला आ रहा है। पहले 1962 से दोनों के बीच व्यापारिक  गतिविधियां संचालित होती थीं लेकिन भारत-चीन युद्ध के बाद इस व्यापार पर भी  ग्रहण लग गया था। इसके बाद सन् 1992 में दोनों देशों ने अपनी सीमाओं को  व्यापार के लिये खोला। तब से लेकर आज तक सीमांत व्यास घाटी के आधे दर्जन से  अधिक गांवों के ग्रामीण तकालाकोट व्यापार के लिये पहुंचते हैं। गूंजी,  रांगकांग, नपल्च्यू, गर्ब्यांग, नाबी, बूंदी के ग्रामीण भारतीय सामान के  साथ तकलाकोट पहुंचते हैं जबकि यही व्यापारी चीनी सामान को निर्यात कर भारत  में लाते हैं।

व्यापारियों की सुविधा के लिये भारतीय  मंडी गूंजी में केन्द्र सरकार की ओर से इंटीलीजेंस ब्यूरो व ट्रेड आफिस  खोल दिया गया है। प्रशासनिक सूत्रो के अनुसार कस्टम विभाग की टीम अभी गूंजी  नहीं पहुंच पायी है। इसके अलावा गूंजी में भारतीय स्टेट बैंक की शाखा भी  खोल दी गयी है। इस शाखा से व्यापारी चीनी मुद्रा का विनिमय कर सकेंगे। भारतीय व्यापारी यहां  से वनस्पति तेल, चीनी, सिगरेट, सुर्ती, चाय कॉफी, चारा, आटा, सूखे मेवे व  अन्य कृषि उत्पाद यहां से तकलाकोट ले जाते हैं जबकि वहां से कंबल, रेडीमेड  कपड़े, कार्पेट, कालीन, जूते, सूती और ऊनी कपड़े, इलैक्ट्रोनिक सामान, जैकेट व  अन्य सामान लेकर आते हैं। इसे भारतीय व्यापारी स्थानीय स्तर पर लगने वाले  मेलों व अन्य बाजारों में बेचकर मुनाफा कमाते हैं। 

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