तिरुची। स्वदेशी रक्षा औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाते हुये रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को यहां देश के दूसरे रक्षा औद्योगिक गलियारे का शुभारंभ किया। भारत का यह दूसरा रक्षा औद्योगिक गलियारा हो गया। पहले रक्षा औद्योगिक गलियारे का शुभारंभ उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में अगस्त 2018 में हुआ था। दो दिन पहले ही राज्य मंत्रिमंडल ने एयरोस्पेस और रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नई एयरोस्पेस और रक्षा औद्योगिक नीति के लिए मंजूरी दी है।
तमिलनाडु रक्षा औद्योगिक गलियारा विभिन्न रक्षा औद्योगिक इकाइयों को बहुत अच्छी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा और इसके पांच मुख्य स्थल होसुर, कोयंबटूर, सेलम, चेन्नई और तिरुचिरापल्ली होंगे। इस अवसर पर सीतारमण ने कहा कि स्थानीय उद्योग इस गलियारे का विस्तार केरल के पलक्कड़ तक चाहता थे लेकिन यह सिर्फ इन पांच जगहों से जुड़ेगा।
उन्होंने कहा कि स्थानीय उद्योगों से इसे लेकर बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली है और वे इसका विस्तार पलक्कड़ तक चाहते थे। उन्होंने कहा, ‘हमें उनसे कहना है कि फिलहाल इसका विस्तार केवल पांच स्थलों तक ही हो पायेगा।’ इस दौरान रक्षा सूत्रों ने कहा कि केंद्र सरकार ने रक्षा गलियारों के लिए नीति और वित्तीय सहायता के संदर्भ में जरूरी सहायता प्रदान करने के लिए कईं कदम उठाये हैं।
उन्होंने बताया कि औद्योगिक उत्पादन केंद्रों के निर्माण से रक्षा विनिर्माण में घरेलू के साथ-साथ विदेशी निवेशकों के लिए अवसर खुल गए हैं। पिछले वर्ष की शुरुआत से ही हितधारकों के साथ औद्योगिक उत्पादन पर बातचीत के कईं दौर पूरे किये जा चुके हैं और अब गलियारे के निर्माण में मदद करने के लिए एमएसएमई कलस्टर और अन्य विनिर्माण उद्यम के रूप में अपार संभावनाओं का लाभ उठाने की तैयारी पूरी कर ली गई है।